माँग और आपूर्ति के बीच रस्साकशी के कारण सोयाबीन वायदा (अप्रैल) की कीमतें 3,750-3,850 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
घरेलू बाजार में पॉल्ट्री उद्योग की ओर से माँग कम होने और विदेशी बाजारों में भारतीय सोयामील की अधिक कीमत के कारण सोयामील की माँग कम हो रही है। भारत और अर्जेटिना के सोयामील की कीमतों का अंतर 55 डॉलर प्रति टन है, लेकिन इस अंतर में 30-40 डॉलर प्रति टन की गिरावट के बाद ही विदेशी खरीदारों की ओर से भारतीय सोयामील की माँग में बढ़ोतरी हो सकती है। इस वर्ष कम उत्पादन अनुमान के कारण आवक कम हो रही है और स्टॉकिस्टों द्वारा नयी फसल के स्टॉक को रोक कर रखा है और वे हाजिर कीमतों में 4,000-42,000 रुपये तक बढ़ोतरी होने का इंतजार कर रहे हैं। रिफाइंड सोया तेल वायदा (अप्रैल) की कीमतों में तेजी का रुझान बरकरार रह सकता है और कीमतें 805 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। इसी तरह सीपीओ वायदा की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 635-645 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क बढ़ाये जाने के कारण कीमतों को मदद मिलती रह सकती है। भारतीय बाजार के विपरीत मलेशियन बाजार के साथ-साथ सीबोट में खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट हो रही है, क्योंकि भारत द्वारा आयात शुल्क में बढ़ोतरी किये जाने से विदेशों से भारत को पॉम ऑयल का निर्यात प्रभावित हुआ है। नवीनतम खबरों में अमेरिकी कृषि विभाग ने अमेरिकी सोयाबीन के उत्पादन में बढ़ोतरी, खपत में कमी और सोया तेल के अधिक भंडार का अनुमान लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी सोया तेल की कीमतों के 30-33 सेंट के दायरे में रहने का अनुमान है। मौजूदा सीजन में कम उत्पादन अनुमान के कारण सरसों वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 4,300 रुपये तक तेजी का रुझान रह सकता है और कीमतों को 4,150 के स्तर पर सपोर्ट रह सकता है। (शेयर मंथन, 12 मार्च 2018)
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