चना (मई) वायदा की कीमतों के 3,540-3,580 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कम खरीदारी के कारण दिल्ली और बीकानेर में देशी चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी है, जबकि इंदौर में कीमतें सपाट रही हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में देशी चना की कीमतें 25 रुपये गिरावट के साथ क्रमशः 3,750-3,775 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम और 3,675-3,700 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। बीकानेर में कीमतें 30 रुपये गिरावट के साथ 3,570 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। कारोबारियों के अनुसार मौजूदा सीजन में अधिक उत्पादन के कारण नयी फसल की अधिक आपूर्ति होने और चना दाल की बिक्री काफी कम होने के कारण चना की कीमतों में गिरावट से इंकार नही किया जा सकता है।
एमसीएक्स में कॉटन वायदा (मई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 20,700-20,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। दक्षिण और मध्य भारत के बाजारों में कपास की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। फिर भी बाजार में विक्रेता कम होने और खरीदारों के अधिक होने के कारण बाजारों में अधिकतर तेजी का रुझान है। निर्यातक और मिलें भविष्य की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कपास की खरीदारी कर रहे हैं। विक्रेता प्रीमियम क्वालिटी के कपास की बिक्री कर रहे हैं।
ग्वारसीड (मई) वायदा की कीमतें 3,700 रुपये के स्तर से नीचे टूट कर 3,600 रुपये तक गिर सकती है, जबकि ग्वारगम (मई) वायदा की कीमतों में 8,100-8,050 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। ग्वारसीड के लगभग 1.07 करोड़ बैग के भारी भरकम अंतिम स्टॉक के कारण ग्वार समूह की कीमतों पर दबाव बरकरार रहने की संभावना है। वर्तमान समय में ग्वारगम का निर्यात भी बहुत उत्साहजनक नही है। यदि ग्वारगम का निर्यात 50,000 टन प्रतिमाह से अधिक होता है तभी ग्वारसीड के भंडार में कमी आ सकती है, अन्यथा ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में किसी बड़ी रिकवरी की संभावना बहुत कम है। (शेयर मंथन, 04 मई 2018)
Add comment