यह लगातार दूसरा महीना है जब हल्दी की हाजिर और वायदा दोनों की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी है।
यह तेजी उत्पादन में कमी के साथ ही कैरी फॉरवर्ड स्टॉक में कमी और बेहतर निर्यात माँग के कारण हुई है। हल्दी की कीमतों में आगे भी तेजी जारी रहने की संभावना है और जून वायदा की कीमतें 7,300-7,400 के नजदीक सहारे के साथ 7,800 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। कारोबारियों के अनुसार इस वर्ष निर्यात के लिए अग्रिम लेन-देन हो चुकी है, लेकिन कारोबारियों के पास डिलीवरी के लिए स्टॉक नही है। इसलिए वे हाजिर बाजारों में खरीदारी कर रहे हैं। इस कारण बाजार में माँग-आपूर्ति में असंतुलन के कारण हल्दी की कीमतों को मदद मिलती रह सकती है।
जीरा वायदा (जून) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 15,400-15,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। वर्तमान समय में राजस्थान के प्रमुख बाजारों में आवक जोर-शोर से होने के कारण हाजिर बाजारों में कीमतों में नरमी का रुझान है। इसके विपरीत निर्यातकों की ओर से खरीदारी कम हो रही है और जून-जुलाई में सीरिया और तुर्की में होने वाली फसल कटाई से पहले वे सतर्क हो गए हैं।
धनिया वायदा (जून) की कीमतों के 4,700 रुपये से नीचे टूटने पर इनमें 4,600-4,500 रुपये तक गिरावट हो सकती है। हाजिर बाजारों में माँग में लगातार कमी और बेहतर आवक के कारण धऩिया की कीमतों में गिरावट हो रही है। कारोबारियों और स्टॉकिस्टों के पास पहले से ही कम कीमतों पर काफी अधिक स्टॉक है और वे कम होती कीमतों पर भी नयी खरीदारी नही करना चाहते हैं। (शेयर मंथन, 07 मई 2018)
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