अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की 70.64 से 68.46 रुपये तक मजबूती के साथ ही ऑयलमील के कम निर्यात जैसे कई कारणों से सोयाबीन वायदा की कीमतें पिछले तीन महीने से गिरावट के साथ कारोबार कर रही हैं।
नरमी के इस रुझान के जारी रहने की संभावना है और अगस्त कॉन्ट्रैक्ट की कीमतों को 3,625-3,600 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है। आगामी दिनों में प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में मॉनसून की प्रगति के साथ ही बुआई में भी तेजी आ सकती है।
सरकार द्वारा सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 311 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ा कर 3,710 रुपये प्रति क्विंटल कर दिये जाने के बाद किसान सोयाबीन की अधिक बुआई कर सकते हैं। सीबोट में अमेरिकी सोयाबीन वायदा की कीमतों में 10 दिनों के उच्च स्तर से गिरावट हुई है। अमेरिकी कृषि विभाग द्वारा आज विश्व कृषि माँग और आपूर्ति के अनुमान के आँकड़ें जारी किये जायेंगे।
सरसों वायदा (अगस्त) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,890-3,930 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं। मिलों द्वारा पेराई के लिए कमजोर माँग के कारण भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। मिलों ने जून महीने में मई की तुलना में 13% कम पेराई की है।
सीपीओ वायदा (जुलाई) की कीमतें 490 रुपये तक लुढ़क सकती है, जबकि सोया तेल वायदा (अगस्त) की कीमतें 720 रुपये तक लुढ़क सकती हैं। केन्द्रीय बजट में वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकार आयात बिल कम करने के लिए तिलहन में आत्म निर्भरता प्राप्त करने की कोशिश कर रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कारोबारी मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के आँकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। सीबोट में अमेरिकी सोया तेल की कीमतों में 0.6% की बढ़ोतरी हुई है। (शेयर मंथन, 11 जुलाई 2019)
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