हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों को 6,800 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
मौजूदा बुआई सीजन के कारण मिला-जुला सेंटीमेंट है। महाराष्ट्र और तेलंगाना में अच्छी बारिश हुई है, जिसके कारण बुआई की रफ्तार तेज हो गयी है। हाजिर बाजारों में अच्छी गुणवत्ता वाला उत्पाद नहीं आने के कारण माँग काफी कम है। कारोबारी केवल ग्रिडिंग यूनिटों के लिए खरीदारी कर रहे हैं।
जीरा वायदा (अगस्त) की कीमतों में तेजी का रुझान जारी रहने की संभावना है। इसलिए 17,245 रुपये के सहारा स्तर के साथ 17,600-17,700 रुपये के लक्ष्य के लिए 17,300 रुपये के नजदीक निचले स्तर पर खरीदारी की जा सकती है। कम आवक के बीच स्थिर घरेलू और विदेशी माँग के कारण हाजिर कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है। लेकिन हाजिर बाजारों में आवक में कमी बने रहने से कीमतों को मदद मिल सकती है। गुजरात के ऊँझा में आवक 6,000-7,000 बैग (1 बैग 55 किलोग्राम का) हो रही है।
इलायची वायदा (अगस्त) की कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है और उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कीमतों में 2,600 रुपये तक गिरावट हो सकती हैं। केरल के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में अच्छे मॉनसून के कारण इलायची की फसलों के बेहतर होने से कीमतों की तेजी पर रोक लग सकती है। मसाला बोर्ड के अनुसार तमिलनाडु के बोदीकयानूर में छोटी इलायची की औसत कीमत 3,078.6 रुपये प्रति किलोग्राम थी।
धनिया वायदा (अगस्त) की कीमतों में 7,250-7,280 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है। राजस्थान और गुजरात के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों में कम उत्पादन और अधिक निर्यात माँग के कारण कीमतों को मदद मिल सकती है। (शेयर मंथन, 11 जुलाई 2019)
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