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हल्दी में तेजी का रुझान, इलायची में गिरावट के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों के 6,100-6,200 रुपये तक बढ़त दर्ज किये जाने की संभावना है।

स्पॉट प्राइस इस खबर पर जोर दे रहा है कि आंध्र प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (मार्कफेड) द्वारा 22 जून से ही दुग्गीराला, वेमुरू और सत्तेनापल्ली यार्ड में 6,850 रुपये प्रति क्विंटल पर हल्दी की खरीद शुरू करने की खबरों से हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है। प्रत्येक यार्ड किसानों से प्रति दिन 100 क्विंटल हल्दी की खरीद करेगा। खुले बाजार में हल्दी के दाम गिरने से मार्कफेड सक्रिय हो गया। इसके अलावा, कारोबारी निजामाबाद क्षेत्रों से बांग्लादेश तक रेल द्वारा हल्दी के परिवहन में भी रुचि दिखा रहे है। इरोड हल्दी मर्चेंट एसोसिएशन में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतें
5,339-6,417 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची गयी थी जबकि रूट वेराइटी की कीमतें 4,429-6,036 रुपये के दायरे में थी। इरोड कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटी में, फिंगर वेराइटी की हल्दी की कीमतें 5,411-6,174 रुपये प्रति क्विंटल पर बेची गयी थी जबकि रूट वेराइटी की कीमतें 5,329-5,869 रुपये के दायरे में थी।
जीरा वायदा (जुलाई) की कीमतों के 13,600-14,000 रुपये के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है। मंडियों में हाजिर कारोबार की गतिविधियां फिर से पटरी पर आ रही हैं, लेकिन पिछले हफ्ते से घरेलू और विदेशी बाजारों से ऑर्डर कम हो गय हैं। आमतौर पर मॉनसून के दौरान नमी की मात्रा अधिक होने के कारण माँग में कमी रहती है।
इलायची वायदा (जुलाई) की कीमतों में 1,200-1,150 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती है। घरेलू बाजार की उभरती परिस्थितियों के कारण माँग के साथ-साथ उपभोक्ताओं की खरीद क्षमता भी प्रभावित हुई है। मार्च में लॉकडाउन से पहले 3,300 रुपये प्रति किलो के स्तर से, नीलामियों में औसत कीमत अब घटकर 1,150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गयी है। कम कीमत की प्राप्ति के कारण बाजार में घबराहट की स्थिति से बिकवाली हो रही है, जहाँ पिछले साल का पुराना स्टॉक या कैरीओवर स्टॉक ट्रेडिंग के लिए लाया जा रहा है कि ओर से अधिक माँग के कारण कीमतें बढ़ रही हैं। (शेयर मंथन 29 जून 2020)

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