सोयाबीन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 4,300-4,350 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
चीन की ओर से अधिक माँग के कारण सीबोट में सोयाबीन वायदा की कीमतों को मदद मिली है। दुनिया के प्रमुख सोयाबीन आयातक देश चीन अगले साल के लिए अमेरिका से अधिक खरीदारी कर रहे है। अमेरिकी कृषि विभाग के अनुसार एशियाई राष्ट्र ने 1 सितंबर, अगले बाजार वर्ष की शुरुआत, के बाद आयात के लिए 126,000 मीटिंक टन सायाबीन की खरीददारी की है। यह 2016 के बाद से आगे की सबसे जल्दी की गयी है जिसकी पुष्टि 7 दिसंबर का जारी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट से भी होती है। आरएम सीड वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 5,610-5,660 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। मिलों की ओर से कम खरीद और स्टॉकिस्टों एवं किसानों द्वारा बिकवाली के दबाव राजस्थान में और अन्य उत्पादक राज्यों में सरसों की हाजिर कीमतों में गिरावट का दौर जारी रहा।
सरसों के रुझान पर सरसों केक की कीमतों में नरमी का रुझान बना रहा लेकिन सरसों तेल की हाजिर कीमतों में स्थिरता रही। इससे पहले, मिलों, प्रोसेसरों और स्टॉकिस्टों की ओर से मजबूत माँग ने हाजिर और वायदा कीमतों के बीच की अंतर को बढ़ा दिया। तत्काल महीने के कॉन्टैंक्ट की वायदा कीमतों की तुलना में हाजिर कीमतें 300 रुपये अधिक है। जनवरी कॉन्टैंक्ट की कीमतों का अंतर अब घटकर 212 रुपये रह गया है।
सोया तेल (दिसंबर) की कीमतों में 1,070-1,075 रुपये तक बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है जबकि सीपीओ वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 930 रुपये तक बढ़त जारी रहने की संभावना है। नवम्बर में कम आपूर्ति के कारण मलेशियन पॉम ऑयल वायदा की कीमतों में लगातार तीसरे दिन गिरावट के बाद 1% की बढ़ोतरी हुई है लेकिन दिसम्बर में कम निर्यात के कारण कीमतों में बढ़त सीमित रही। बीएमडी में मलेशियन पॉम ऑयल की फरवरी वायदा की कीमतें 1.4% की बढ़त के साथ 3,405 रिंगिट पर बंद हुई है। मलेशियन पॉम ऑयल बोर्ड के अनुसार नवम्बर के अंत में पॉम ऑयल का अंतिम स्टॉक तीन वर्षो के निचले स्तर पर पहुँच गया है। (शेयर मंथन, 11 दिसंबर 2020)
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