कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 20,550-20,750 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना हैं।
निचले स्तरों से निजी धागा मिलों और स्टॉकिस्टों की ओर से बेहतर माँग के कारण निचले राजस्थान में कपास की कीमतों में स्थिरता रही है जबकि कपास की दैनिक आवक में सुधार हुआ है। निचले स्तर पर खरीदारी में सुधार के कारण महाराष्ट्र में भी कपास की कीमतें स्थिर थीं, जबकि दैनिक आवक में तेजी आयी है। मंगलवार को कपास की कीमतों में 100-150 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट हुई है। निजी धगाा मिलों और स्टॉकिस्टों की ओर से सीमित खरीद के कारण मध्य प्रदेश के कपास की कीमतें स्थिर रहीं जबकि कपास की आवक भी बढ़ी। मंगलवार को कीमतों में 100-150 रुपये प्रति कैंडी की गिरावट दर्ज की। अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों में बढ़ोतरी से घरेलू कपास की कीमतों में मदद मिली, क्योंकि निजी धगा मिलों और स्टॉकिस्टों द्वारा हल्की खरीदारी देखी गयी। इस बीच, राज्य के उत्पादक क्षेत्र में मौसम कपास के अनुकूल है।
चना वायदा की कीमतें 4,550-4,450 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है, क्योंकि बढ़ते उत्पादन क्षेत्र के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लग रही है। नवीनतम आँकड़ों से पता चलता है कि दलहन का कुल क्षेत्र 7% बढ़कर 141 लाख हेक्टेयर हो गया है। पिछले वर्ष की तुलना में महाराष्ट्र, ओडिशा और झारखण्ड में अधिक बुवाई हुई है। चने की खेती में लगभग 10% की वृद्धि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों से नकारात्मक संकेत लेते ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 3,850-3,950 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतें 5,850-6,030 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। हाजिर बाजारों में ग्वारसीड की कीमतों में 80 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। जोधपुर में ग्वारगम की कीमतों में 30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है और कीमतें 5,975-6,030 रुपये क्विंटल के दायरे में कारोबार कर रही हैं। (शेयर मंथन, 24 दिसंबर 2020)
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