कॉटन वायदा (फरवरी) की कीमतों के 22,400-22,550 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सीएआई ने चालू फसल वर्ष में अपने खपत अनुमान को पिछले महीने के 330.00 लाख बेल के अनुमान पर बनाये रखा है। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न व्यवधनों के कारण पिछले सीजन की खपत 250 लाख बेल थी। अब 2020-21 सीजन के दौरान खपत के लॉकडाउन से पहले के स्तर 330 लाख बेल तक पहुँचने की उम्मीद है।
ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों के 3,890-3,930 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतें 6,180-6,250 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार कर सकती है और कीमतों की गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। ओपेक ने कहा है कि महामारी के प्रभाव के कई स्तरों पर बरकरार रहने के कारण 2021 में विश्व स्तर पर तेल की माँग पहले के अनुमान की तुलना में अधिक धीमी गति से बढेगी। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ने एक मासिक रिपोर्ट में कहा है कि इस वर्ष 5.79 मिलियन बैरल प्रति दिन बढ़कर 96.05 मिलियन बैरल प्रति दिन हो जायेगी। कमजोर माँग की संभावना ने ओपेक और उसके सहयोगियों को पहले से ही उत्पादन को बढ़ावा देने की उनकी योजना धीमा रखे। अधिक माँग, बढ़ती कीमतें और प्रतिद्वंद्वी उत्पादकों की ओर से कम आपूर्ति के कारण उत्पादन बढ़ोतरी करने के लिए ओपेक देशों को प्रेरित कर सकती है। लेकिन इराक ने कहा है कि ओपेक प्लस द्वारा मार्च में वर्तमान कटौती को जारी रखने की संभावना है।
चना वायदा (मार्च) की कीमतों के 4,575-4,635 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है। कृषि मंत्रालय ने रबी सीजन 2020-21 के लिए कर्नाटक में मूल्य समर्थन योजना के तहत 1,67,000 टन चना की खरीद को मंजूरी दी। नॉफेड खरीद करने की व्यवस्था कर रहा है। (शेयर मंथन, 12 फरवरी 2021)
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