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हल्दी में तेजी की उम्मीद, जीरे की कीमतों में स्थिरता रहने की संभावना - एसएमसी साप्ताहिक रिपोर्ट

हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में तेजी बरकरार रहने और 7,800 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 8,700-9,000 रुपये के स्तर तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

वर्तमान परिदृश्य में, माँग मजबूत है और बांग्लादेश, यूरोप और खाड़ी देशों से खरीदारी में दिलचस्पी देखी जा रही है। विदेशी ऑर्डर से सकारात्मक संकेत लेते हुये, 11 मई से, जब बाजार दो सप्ताह से अधिक समय तक बंद रहने के बाद खुले, नांदेड़ कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) यार्ड में हल्दी की कीमतें 600 रुपये प्रति क्विंटल बढ़कर 7,100 रुपये हो गयी। मुंबई में निर्यात के लिए हल्दी 8,000-8,100 रुपये की कीमत पर दी जा रही है। निर्यातक इसकी गुणवत्ता को देखते हुये नांदेड़ से स्टॉक लेने पर विचार कर रहे हैं। निजामाबाद में आवक लगभग समाप्त हो गयी है। वे अगले दो से ढाई महीने में नांदेड़ और अन्य महाराष्ट्र के बाजारों में रह सकते हैं क्योंकि फसल दो-तीन महीने देरी से आती है।
पिछले तीन महीनों से जीरा वायदा (जून) की कीमतों में 13,800 रुपये के करीब स्थिरता देखी जा रही है और आने वाले दिनों में इस स्तर के पास सहारा रहने की उम्मीद है। हाजिर बाजारों में कारोबारी गतिविधियाँ फिर से शुरू होने से घरेलू माँग और विदेशी पूछताछ में तेजी आने की उम्मीद है। उंझा कृषि उपज मंडी समिति ने बाजार यार्ड में कोविड-19 मामलों में वृद्धि को नियंत्रित करने के प्रयास में वैकल्पिक दिनों में जीरा की नीलामी करने का निर्णय लिया है। बेंचमार्क बाजार उंझा में एक्सचेंज क्वालिटी के जीरे की कीमतें 13,800-14,000 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के दायरे में रही जबकि आवक 9000 बैग (1 बैग=55 किलोग्राम) रही है।
बाजारों में आपूर्ति की कमी की आशंका से धनिया वायदा (जून) की कीमतों के 6,700-7,200 रुपये के दायरे में स्थिर कारोबार करने की उम्मीद है। राजस्थान में मसाले के प्रमुख बाजार बंद हैं क्योंकि राज्य में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए तालाबंदी की जा रही है। (शेयर मंथन, 24 मई 2021)

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