सोयाबीन वायदा (जून) की कीमतों में नरमी दिख रही है, इसमें बिकवाली के साथ 6,600-6,400 रुपये का निचला स्तर देखने को मिल सकता है।
केंद्र ने कहा कि उसने इस साल जुलाई से शुरू होने वाले आगामी खरीफ सीजन में तिलहन के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र लाने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। सरकार ने मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना छत्तीसगढ़, गुजरात, यूपी और बिहार के 90 जिलों में तिलहन की उच्च उपज देने वाली किस्मों, विशेष रूप से बीपज का लगभग 8.16 लाख मिनी-किट को वितरित करने का निर्णय लिया है। तिलहन के दायरे में आने वाला क्षेत्रा 10.06 लाख हेक्टेयर होगा।
आरएम सीड वायदा (जून) की कीमतों के पहले सहारा स्तर 6,910 रुपये से नीचे टूटने और दूसरे प्रमुख सहारा स्तर 6,850 रुपये के करीब पहुँचने की उम्मीद है, जिसके बाद आने वाले दिनों में यह तिलहन 6,600 रुपये के स्तर को छू सकता है। हाजिर बाजार में आवक बढ़कर 225,000 बोरी (1 बैग=485 किलोग्राम हो गयी है। बेंचमार्क बाजार जयपुर में तिलहन की कीमतें 7,400-7,425 रुपये प्रति 100 किलोग्राम के दायरे में रही। यूएसडीए के पूर्वानुमान के बाद सरसों की कीमतों में गिरावट आ रही है कि अमेरिकी रेपसीड उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 1.8 मिलियन टन होने की उम्मीद है। इसके अलावा कनाडा में सरसों का उत्पादन 20.5 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो वार्षिक आधार पर 1.5 मिलियन टन अधिक है।
सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों के सोयाबीन की कीमतों के गिरावट के रुझान का अनुसरण करने और 1,360-1,320 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है, जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में कमजोरी के कारण सीपीओ वायदा (जून) की कीमतों के 1,130 रुपये तक गिरने की संभावना है। अमेरिकी सोयाबीन तेल की कीमतों की तेजी थमती हुई दिख रही है और 70 सेंट प्रति पाउंड के करीब बाधा का सामना करना पड़ रहा है। यूएसडीए द्वारा हाल ही में जारी में साप्ताहिक निर्यात बिक्री के रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि अमेरिकी सोयाबीन और सोया तेल की माँग उच्च कीमतों के कारण कम और धीमी हो रही है। (शेयर मंथन, 24 मई 2021)
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