फसल कटाई के मौसम में बारिश के कारण कपास उत्पादन के नुकसान की आशंका के कारण कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में शुक्रवार को 2.7% की उछाल दर्ज गयी है।
अब कीमतों में 25,900 रुपये पर सहारा के साथ 2,750 रुपये तक बढ़ोतरी होने की संभावना है। पंजाब में पिंक बॉल कीटों का प्रकोप देखा जा रहा है और गुजरात और महाराष्ट्र के कपास बुवाई क्षेत्र में अत्यधिक बारिश से कटाई के लिए तैयार फसल को नुकसान हो सकता है। हाल ही में हुई भारी बारिश के कारण कपास की कटाई में देरी हुई है। लेकिन कताई मिलों के पास पर्याप्त स्टॉक और उत्तर भारत में लगातार नये सीजन कपास की आवक से कीमतों पर नियंत्राण बना रह सकता है। 16 सितंबर को समाप्त में कपास निर्यात के 21 फीसदी आँकड़ों के कारण अमेरिकी कपास की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
ग्वारसीड वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में शुक्रवार को 1.1% की बढ़ोतरी हुई है लेकिन रिकवरी के बाद बढ़त के साथ बंद हुई। कीमतों को 6,000 रुपये पर मजबूत अड़चन है। कीमतें इस स्तर को पर करती है तो 6,150 रुपये तक बढ़त दर्ज कर सकती है। सितंबर में अच्छी बारिश का अनुमान से कुछ हद तक ग्वारगम उत्पादन रिकवरी कर सकता है। राजस्थान में अगस्त के अंत तक ग्वारगम का रकबा पिछले साल 25 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 21 लाख हेक्टेयर रह गया है जिससे लगातार चौथे साल उत्पादन कम होगा।
अरंडी के तेल की लगातार निर्यात माँग के कारण अरंडी सीड (अक्टूबर) वायदा की कीमतों में पिछले सप्ताह 4 सप्ताह के निचले स्तर से बढ़ोतरी हुई है। अब कीमतों को 6,150 रुपये पर सहारा के साथ 6,250 रुपये पर बाधा रह सकता है। एसईए के अनुसार जुलाई और अगस्त 2021 में अरंडी तेल निर्यात पिछले साल की तुलना में कम रहा लेकिन अप्रैल-अगस्त की अवधि में निर्यात पिछले साल के 2.9 लाख टन की तुलना में 3.2 लाख टन हुआ है। सितंबर में देर से हुई मानसूनी बारिश गुजरात में अरंडी क्षेत्र के लिए फायदेमंद है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश देर से बोई गयी अरंडी की फसल को प्रभावित कर सकती है। 20 सितंबर तक, अरंडी की बुवाई सामान्य क्षेत्र के 84% भाग में हुई है और पिछले वर्ष के 6 लाख हेक्टेयर की तुलना में 5.80 लाख हेक्टेयर ही रह गया है। (शेयर मंथन, 27 सितम्बर 2021)
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