कल कॉटन वायदा (जनवरी) की कीमतों में कल रिकवरी हुई है लेकिन कुल मिलाकर कीमतें स्थिर भाव पर ही बंद हुई।
अब कीमतों के 35,000-35,740 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। उत्पादन में कमी की आशंका और निर्यात के लिए कच्चे कपास की अधिक माँग के कारण वर्तमान समय में कपास की कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 65% अधिक हैं जबकि पिछले एक महीने में 13% बढ़ी है। बाजार सूत्रों के अनुसार कपास की दैनिक आवक 1.75 लाख गांठ रह गयी, जो पिछले साल 2.50 लाख गांठ थी। प्रतिकूल मौसम की वजह से पिछले साल के 360 लाख गांठ की तुलना में भारत में कपास का उत्पादन 340 लाख गांठ हो सकता है।
माँग में बढ़ोतरी के कारण ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल तेजी का रुझान रहा लेकिन कीमतें लगभग सपाट बंद हुई है। कीमतों के 6,380 रुपये पर सहारा के साथ 6,600 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। वर्तमान में, कम उत्पादन, कई वर्षो में कम स्टॉक और अच्छी निर्यात माँग की संभावना से कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 64% अधिक हैं। अक्टूबर में, ग्वारगम का निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 60% बढ़कर 27,150 टन हो गया, जबकि 2021-22 (अप्रैल-सितंबर) में निर्यात वर्ष-दर-वर्ष 46% बढ़कर 1.85 लाख टन हो गया।
कैस्टरसीड वायदा (फरवरी) की कीमतों में कल 1.8% की बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतों के 6,400 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। 2022 में कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है और वर्ष-दर-वर्ष 37.8% अधिक है, क्योंकि अरंडी का उत्पादन पिछले तीन वर्षों में सबसे कम होने की उम्मीद है। गुजरात कृषि विभाग के दूसरे अग्रिम अनुमान में अरंडी के उत्पादन में 1 लाख टन की कटौती करके 13.02 लाख टन कर दिया है जबकि पहले अनुमान में यह 14 लाख टन था। पिछले साल उत्पादन 13.45 लाख टन था। (शेयर मंथन, 14 जनवरी 2022)
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