डॉलर के मजबूत होने से बुलियन के अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए कम आकर्षक होने के कारण सोने की कीमतों में गिरावट हुई, जबकि निवेशकों की नजर मुद्रास्फीति में निरंतर बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व की महत्वपूर्ण नीतिगत बैठक पर रही।
फेडरल रिजर्व की दो दिवसीय नीति बैठक 3 नवंबर को समाप्त होगी। कई-दशक के उच्च स्तर पर चल कीमतें और वेतन वृद्धि फेड के लिए चुनौती हो सकती है क्योंकि वे मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और अर्थव्यवस्था को तेजी प्रदान करने के बीच संतुलन बनाये रखने के लिए जितना संभव हो उतना समय देने की कोशिश करेंगे ताकि महामारी के दौरान समाप्त हुये रोजगार को फिर से बहाल किया जा सके। अक्टूबर में अमेरिकी मैनुफैक्चरिंग गतिविधि धीमी हो गयी क्योंकि सभी उद्योगों ने कच्चे माल की आपूर्ति में रिकॉर्ड अधिक समय लगने की बात की है जिससे पता चलता है कि विस्तारित आपूर्ति श्रृंखलाओं ने चौथी तिमाही की शुरुआत में भी आर्थिक गतिविधियों को बाधित करना जारी रखा है। उम्मीद है कि फेड दो दिवसीय नीति बैठक का समापन पर अपने बॉन्ड-खरीद कार्यक्रम को वापस लेने की योजना को मंजूरी दे सकता है। यद्यपि मुद्रास्फीति दबाव का मुकाबला करने के लिए कम प्रोत्साहन और ब्याज दरों में बढ़ोतरी से सरकारी बॉन्ड यील्ड को बढ़ावा मिलता है, जिससे गैर-ब्याज वाले सोने की अवसर लागत बढ़ जाती है।
ब्रिटेन के अवकाश कार्यक्रम की समाप्ति से नये नौकरी चाहने वालों में वृद्धि नहीं हुई है, और आँकड़ों के अनुसार बेरोजगारी तेजी से बढ़ने की संभावना नहीं है जिससे बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दर में वृद्धि की संभावना बढ़ सकती है। सोने की कीमतों के डॉलर की अस्थिरता, ट्रेजरी यील्ड, मुद्रास्फीति की उम्मीदों और वैश्विक स्तर पर सेंटीमेंट से प्रभावित होने की संभावना है। इस सप्ताह सोने की कीमतें अधिक अस्थिरता के साथ 46,500-48,500 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं और चांदी की कीमतें 61,000-65,800 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। कोमेक्स में सोने की कीमतें 1,740-1,820 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती हैं और चांदी की कीमतें 22.80-25.10 डॉलर के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 08 नवंबर 2021)
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