वैश्विक तेल बाजार में तेजी लाने के उद्देश्य से, पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों (ओपेक) के संगठन के सदस्य देशों और शुक्रवार को इसके सहयोगियों ने कच्चे तेल के उत्पादन को प्रति दिन 1.2 मिलियन बैरल से घटाये जाने का फैसला किया।
यह समझौता जनवरी 2019 में लागू किया जायेगा। 15 सदस्यीय समूह प्रति दिन 800,000 बैरल कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने पर सहमत हुये हैं, जबकि रूस और उसके सहयोगी उत्पादक प्रति दिन लगभग 400,000 बैरल तेल के उत्पादन को घटायेंगे।
बैठक से पहले, ओपेक के वास्तविक नेता सऊदी अरब ने कहा था कि समूह वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों को कम करने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विचारों पर गंभीरता से विचार करेगा।
बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करके ओपेक देशों से तेल उत्पादन स्थिर रखने के लिए आग्रह किया था, ताकि निकट भविष्य में इसकी कीमतें कम रहें। "उम्मीद है कि ओपेक तेल प्रवाह को बनाए रखेगा, प्रतिबंधित नहीं करेगा। वैश्विक तेल की कीमतों को देखने की जरूरत नहीं है!",
महत्वपूर्ण बैठक उस समय हुई जब वैश्विक तेल बाजार अमेरिकी सरकार द्वारा ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद अस्थिर है, जिससे तेहरान की आपूर्ति में कमी आयी है।
अक्टूबर में कच्चे तेल की कीमतें 86 डॉलर प्रति बैरल के साथ चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी थी। लेकिन उसके बाद से कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 30% तक की गिरावट देखी गयी है। इस समय कीमतें 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई हुयी हैं।
ओपेक में 15 तेल उत्पादक राष्ट्र शामिल हैं और इसमें अल्जीरिया, अंगोला, इक्वाडोर, इक्वेटोरियल गिनी, गैबॉन, ईरान, इराक, कुवैत, लीबिया, नाइजीरिया, कांगो, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेज़ुएला और कतर शामिल हैं। हालांकि, कतर जनवरी 2019 में समूह से बाहर निकल जाएगा, क्योंकि यह अपने प्राकृतिक गैस उत्पादन को बढ़ाने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है। (शेयर मंथन, 08 दिसंबर 2018)