चीन के बेहतर आँकड़ों के बाद बेस मेटल की कीमतों में उछाल दर्ज किये जाने की संभावना है।
मई का सरकारी पीएमआई 51.9 रहा है जो अक्टूबर 2017 के बाद सबसे अधिक है। इस बीच अमेरिकी यूरोपीय यूनियन से आयात होने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर टौरिफ लागाये जाने की घोषणा करेगा। तांबें की कीमतों को 463 रुपये के स्तर पर बाधा और 454 रुपये के स्तर सहारा रह सकता है। भारत के इलेक्ट्रिकल वस्तुओं के निर्माता आयातित तांबें और अयस्कों पर अधिक भरोसा कर रहे है, इसलिए लागत में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं जिंक में तेजी का रुझान रहने की संभावना के बीच 209 रुपये के स्तर पर सहारा और 215 रुपये के पर बाधा रह सकती है।
लेड की कीमतों को 163 रुपये के स्तर पर सहारा और 167 रुपये के पर बाधा रह सकती है। चीन में पार्यावरण को लेकर कार्रवाई के कारण शंघाई में लेड की कीमतों में 0.6% और इस महीने में 12% की बढ़ोतरी हुई। निकल में साइडवेज कारोबार होने की संभावना के साथ ही इसकी कीमतों को 1,005 रुपये के स्तर पर सहारा और 1,030 रुपये के स्तर पर अड़चन रह सकती है। एल्युमीनियम की कीमतें भी एक दायरे में रह सकती है। 152 रुपये के स्तर पर सहारे के साथ एल्युमीनियम के लिए 156 रुपये के स्तर पर बाधा की संभावना है। (शेयर मंथन, 31 मई 2018)