कमजोर डॉलर के प्रभाव की भरपायी कमजोर माँग और ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति से होने के कारण तेल की कीमतों में जून के बाद से सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट हुई है।
दुनिया में कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातक देश में आयात होने वाली कच्चे तेल की मात्रा पाँच महीने तक बढ़ने के बाद सितंबर में धीमी हो गयी है, क्योंकि इसके रिफाइनरों ने तेल भंडार को जमा कर लिया है। उत्पादन में कटौती के कारण अमेरिकी गैसोलीन के भंडार में पिछले दो महीनों में तेज गति से गिरावट हुई है। अमेरिकी रिफाइनरों ने आने वाले महीनों में रखरखाव के लिए रिफाइनरियों के बंद करने की एक लंबी सूची जारी की है, जिससे कच्चे तेल की माँग पर कोई संदेह नहीं होने से डब्ल्यूटीआई कच्चा तेल दबाव में आ गया है।
ईआईए के अनुसार तूफान लॉरा से पहले शटडाउन के कारण, अमेरिकी रिफाइनरियों की उपयोग दर 5.3 प्रतिशत की गिरावट के साथ कुल क्षमता का 76.7% रह गयी है। आगामी दिनों में नाइमेक्स में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट हो सकती है जहाँ कीमतों को 35.40 डॉलर के पास सहारा और 46.00 डॉलर बाधा के पास देखा जा सकता है। एमसीएक्स में भी कच्चे तेल की कीमतों में नरमी देख सकते हैं जहाँ कीमतों को 2,720 रुपये के पास सहारा और 3,380 रुपये के पास अड़चन का समाना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी नेचुरल गैस ने अल्पावधि में गिरावट को पूरा कर लिया है। लॉरा से भारी बारिश के कारण मौसम के कुछ सामान्य से अधिक ठंडा होने के बाद फिर से थोड़ा गर्म हो गया, जिससे बाजार को समर्थन मिला। ईआईए रिपोर्ट को लेकर कारोबारी तटस्थ रहे। लेकिन गैस भंडार में 35 बिलियन क्यूबिक फीट की बढ़ोतरी पिछले सप्ताह की तुलना में कम रही है और इससे संकेत मिलता है कि आपूर्ति और माँग का अंतर काफी कम है। यदि कारोबारी एलएनजी की माँग के बारे में चेतावनी को नजरअंदाज करने का निर्णय लेते हैं, तो यह कीमतों को उच्च स्तर पर भेजने के लिए पर्याप्त हो सकता है। इस सप्ताह नेचुरल गैस की कीमतें 170-210 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 07 सितंबर 2020)