कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 4,300 रुपये स्तर पर बाधा के साथ 4,180 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
पूरे यूरोप में कोविड-19 संक्रमण की नयी लहर के बाद फिर से लॉकडाउन और अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में बढ़ोतरी के कारण आज तेल की कीमतों में गिरावट जारी है। मंगलवार को दोनों बेंचमार्क की कीमतें फरवरी की शुरूआत के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुँच और अब इस महीने की शुरुआत में अपने हाल के उच्चतम स्तर से 14% से अधिक लुढ़क गयी है। जर्मनी, यूरोप के सबसे बड़े तेल उपभोक्ता, ने 18 अप्रैल तक लॉकडाउन बढ़ा दिया है और चांसलर एंजेला मार्केल ने नागरिकों से ईस्टर की छुट्टी पर पाँच दिनों तक घर पर रहने का आग्राह किया। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ विकासित एस्ट्राजेनेका पीएलसी द्वारा पुराने आँकड़ें का इस्तमाल किय जाने की खबरों के बाद इसके वैक्सीन से महामारी से उबरने की गति को लेकर चिंतायें भी बढ़ गयी हैं। उद्योग समूह अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट के आँकड़ों के अनुसार 19 मार्च को समाप्त में अमेरिकी कच्चे तेल के भंडार में 2.9 मिलियन बैरल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि रायटर के पोल में विश्लेषकों को 3,00,000 बैरल की गिरावट का अनुमान था। संयुक्त राज्य अमेरिकी, यूरोप और ब्रिटेन द्वारा लगाये गये चीन पर मानवाधिकार प्रतिबंद जिससे बीजिंग की ओर से प्रतिशोधात्मक प्रतिबंधों की आशंका है, ने भी बाजार की चिंताओं को बढ़ दिया है।
नेचुरल गैस की कीमतों में 178 रुपये के स्तर से बढ़त दर्ज की जा रही है। गैस की कीमतों में यह तेजी 190 रुपये तक जारी रह सकती है। (शेयर मंथन, 24 मार्च 2021)