कच्चे तेल की कीमतों में नरमी रह सकती है। कीमतों के 5,900-6,050 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक आपूर्ति और कमजोर माँग के दबाव में आज कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी। डॉलर के मजबूत होने से भी कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। ऐसी अटकले है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ऊर्जा लागत में कटौती के कुछ प्रयासों में अमेरिकी स्टैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (एसपीआर) से अधिक कच्चा तेल जारी करना शामिल हो सकता है। कच्चे तेल की कीमतें सात साल के उच्च स्तर के करीब रहने के कारण अमेरिकी ऊर्जा फर्मों ने इस सप्ताह लगातार तीसरे सप्ताह तेल और नेचुरल गैस रिगों की संख्या में बढ़ोतरी की है। ऊर्जा सेवा फर्म बेकर ह्यूजेस कंपनी के अनुसार तेल और गैस रिगों की संख्या, भविष्य के उत्पादन का एक प्रारंभिक संकेतक, 12 नवंबर को समाप्त में छह बढ़कर 556 हो गयी है जो अप्रैल 2020 के बाद का उच्चतम स्तर है। इस बीच, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने पिछले हफ्रते चौथी तिमाही के लिए अपने विश्व तेल माँग पूर्वानुमान में पिछले महीने के पूर्वानुमान से 330,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) की कटौती की, क्योंकि एनर्जी की अधिक कीमतों के कारण कोविड-19 महामारी से आर्थिक सुधार में बाध उत्पन्न हुई है।
नेचुरल गैस की कीमतों में तेजी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतों को 355 रुपये के स्तर पर सहारा और 375 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है। (शेयर मंथन, 15 नवंबर 2021)