बिकवाली के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में कल 1.8% की गिरावट दर्ज की गयी है। अब कीमतों के 7,850-8,150 रुपये के दायरे में सीमित करने की संभावना हैं।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 8,200 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। उच्च स्तर पर माँग घट जाने और बढ़ी हुई आवक के बीच हल्दी की कीमतों में गिरावट हुई।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में 7,900 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
निचले स्तर पर खरीदारी के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें कल 2.3% की बढ़त के साथ बंद हुई।
हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 5,900-6,150 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की उम्मीद है।
हल्दी वायदा (मई) की कीमतों के 6,350-6,500 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अगस्त) की कीमतों में कल बढ़ोतरी हुई है और अब कीमतों के 7,450-7,460 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है। हल्दी की माँग स्थिर रही और प्राथमिक स्रोतों से आपूर्ति कुछ बेहतर हुई।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में कल 2.5% की गिरावट दर्ज की गयी है।
एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में एनसीडीईएक्स में जौ (मई) में खरीदारी करने की सलाह दी है।
एसएमसी कमोडिटीज ने अपनी साप्ताहिक रिपोर्ट में जिक्र किया है कि सोयाबीन वायदा (जनवरी) की कीमतों के फिर से 3,310-3,410 रुपये के दायरे में ही बरकरार रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों में नरमी के रुझान के साथ 6,350 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतें 6,400 रुपये के मजबूत सहारा स्तर से नीचे टूटने के कगार पर हैं। हल्की की कीमतों में 6,315-6,200 रुपये तक गिरावट हो सकती है।
कच्चे तेल की कीमतों के एक बड़े दायरे में कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 2,770 रुपये के स्तर पर अड़चन के साथ 2,640 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
वायरस को रोकने के लिए नये लॉकडाउन से ईंधन की माँग में गिरावट को लेकर कोविड-19 वैक्सीन की संभावना से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गयी हैं और दवा निर्माता फाइजर और बायोटक द्वारा प्रयोगात्मक कोविउ-19 के उपचार के लिए प्रारंभिक परीक्षण के आधार पर 90% से अधिक प्रभावी पाये जाने के बाद डब्ल्यूटीआई और ब्रेंट कॉन्ट्रैक्ट दोनों की कीमतों ने सोमवार को 8% से अधिक की छलांग लगायी, जो पाँच महीने से अधिक समय में एक दिन में सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गयी।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!