वायरस को रोकने के लिए नये लॉकडाउन से ईंधन की माँग में गिरावट को लेकर कोविड-19 वैक्सीन की संभावना से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गयी हैं और दवा निर्माता फाइजर और बायोटक द्वारा प्रयोगात्मक कोविउ-19 के उपचार के लिए प्रारंभिक परीक्षण के आधार पर 90% से अधिक प्रभावी पाये जाने के बाद डब्ल्यूटीआई और ब्रेंट कॉन्ट्रैक्ट दोनों की कीमतों ने सोमवार को 8% से अधिक की छलांग लगायी, जो पाँच महीने से अधिक समय में एक दिन में सबसे अधिक बढ़त दर्ज की गयी।
इसका तात्पर्य है कि अगले वर्ष कभी भी लोग छुट्टी पर जाने में सक्षम हो सकते हैं, जिसका अर्थ है कि जेट ईंधन की अधिक माँग होगी। इस बीच, यूरोप में नये सिरे से लॉकडाउन और संयुक्त राज्य अमेरिका में बढ़ते कोरोना वायरस मामले अभी भी ईंधन की माँग को प्रभावित कर रहे हैं। दुनिया भर में कोरोना वायरस मामलों के बढ़ते मामलों के कारण कमजोर ईंधन की माँग को लेकर चिंता बढ़ी है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि 2021 में कोविड-19 के टीकों की उपलब्धता होने तक वैश्विक स्तर पर तेल माँग में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है। इस सप्ताह कच्चे तेल की कीमतें 2,910-3,200 रुपये के दायरे में काफी अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है, जहाँ बाधा के पास बिक्री का दबाव देखा जा सकता है। कारोबारियों द्वारा ओपेन इंटरेस्ट के साथ लांग पोजिशन में बढ़ोतरी के कारण नेचुरल गैस की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी है। अधिक एलएनजी निर्यात, अमेरिकी गैस भंडार के कम होने, वैक्सीन के मोर्चे पर प्रगति और अटलांटिक में तूफान की गतिविधियों में वृद्धि के कारण कीमतों को मदद मिली। अमेरिका के सबसे बड़े गैर-सरकारी उत्पादक ईक्यूटी कॉर्प ने अपनी पूरे साल की खर्च योजनाओं में 50 मिलियन डॉलर की कटौती की और कोरोना वायरस संकट की वजह से ईंधन की माँग में गिरावट के कारण कीमतों और बिक्री की मात्रा कमी के कारण एक बड़ा तिमाही नुकसान दर्ज किया।
इस सप्ताह नेचुरल गैस अधिक अस्थिरता के साथ कारोबार कर सकती है और कीमतें 212-238 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2020)