चना वायदा (जून) की कीमतें 3,480 के सहारा स्तर से नीचे टूट कर 3,450-3,400 रुपये तक गिर कर सकती है।
चना दाल और बेसन की कमजोर माँग के कारण मिलों की ओर से सुस्त खरीदारी के कारण हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। कम कारोबार के कारण मुंबई और मुद्रा बंदरगाहों पर ऑस्ट्रेलियाई चना दाल की कीमतें क्रमशः 3,350 रुपये और 3,450 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम है।
कॉटन वायदा (जून) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 21,550-22,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। आईसीई में कॉटन (जुलाई) वायदा की कीमतें मुनाफा वसूली के कारण चार वर्षो से अधिक के उच्च स्तर से नीचे लुढ़क गयी है। आईसीई में कॉटन (जुलाई) वायदा की कीमतें 0.87% की बढ़त के साथ 91.64 सेंट के स्तर पर कारोबार कर रही हैं। पंजाब में कपास की बुआई का सीजन लगभग समाप्त हो गया है और अभी भी लक्षित क्षेत्र से 30% कम बुआई हुई है। 29 मई तक केवल 2.83 लाख हेक्टेयर में कपास की बुआई हुई है, जबकि लक्ष्य 4 लाख हेक्टेयर में बुआई का अनुमान था। महाराष्ट्र ने 2017-18 में 6.55 मिलियन बेल कपास उत्पादन का अनुमान लगाया है।
ग्वारसीड वायदा (जून) की कीमतों के 3,550-3,500 रुपये और ग्वारगम वायदा (जून) की कीमतों के 7,400-7,350 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। हाजिर बाजारों में कारोबार काफी सुस्त हो रहा है। दरअसल मौजूदा सीजन में सामान्य मॉनसून के अनुमान से अधिक उत्पादन के कारण अधिकांश खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। देश में ग्वारसीड का स्टॉक पहले से ही काफी अधिक है और इस वर्ष मॉनसून के समय से आगमन के बाद अगली फसल के भी बेहतर होने का अनुमान है। (शेयर मंथन, 01 जून 2018)
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