पिछले वर्ष हल्दी की कीमतों में 21% की गिरावट हुई और मसालों में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली कमोडिटी रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों के रुझान पर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के तर्ज पर एमसीएक्स में कॉटन वायदा की कीमतें दो साल के उच्च स्तर 21,720 रुपये पर पहुँच गयी है।
कच्चे तेल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है।
कच्चे तेल की कीमतें 3,660-3,730 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कच्चे तेल की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ सीमित कारोबार करने की संभावना हैं और कीमतों को 3,870 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 3,780 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
अरंडी बीज वायदा (जनवरी) की कीमतें लगातार चौथे सप्ताह गिरावट के साथ बंद हुई और अब कीमतों के 5,500-6,120 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में शुक्रवार को 2% की उछाल दर्ज की गयी है। उम्मीद है कि यह 32,150 रुपये पर सहारा के साथ 33,200 रुपये के स्तर तक सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतें कल 1.1% बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतें 31,540 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 32,500 रुपये के स्तर तक सीमित कारोबार कर सकती है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में कल 1.2% की गिरावट हुई।
कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतें कल 1.2% की बढ़त के साथ बंद हुई। अब कीमतें 31,050 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 32,000 रुपये के स्तर तक सीमित दायरे में कारोबार कर सकती है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल सपाट बंद हुई। नये सीजन कपास की अच्छी माँग के कारण कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 25,500-25,800 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कॉटन वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल मामूली बदलाव के साथ बंद हुई। नये सीजन कपास की अच्छी माँग के कारण कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 25,400-25,700 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
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सितंबर 2024 से मार्च 2025 तक निफ्टी 50 में 16.4%, निफ्टी मिडकैप 100 में 23.1% और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 27% की गिरावट दर्ज हुई है। क्या इस गिरावट ने बाजार में ‘सेल’ वाली स्थिति ला दी है?
निवेश मंथन के फरवरी 2025 अंक की आमुख कथा यह बता रही है कि सालाना 12 लाख रुपये से ऊपर भी आपकी आय करमुक्त कैसे रह सकती है। जी हाँ, 12 लाख तक ही नहीं, इससे अधिक कमाई पर भी संभव है शून्य आय कर।