कॉटन वायदा (नवंबर) की कीमतों में शुक्रवार को 2% की उछाल दर्ज की गयी है। उम्मीद है कि यह 32,150 रुपये पर सहारा के साथ 33,200 रुपये के स्तर तक सीमित दायरे में कारोबार कर सकती हैं।
सीसीआई ने पिछले दो सप्ताह में कपास की बिक्री के लिए अपनी दरों में 4,500 रुपये प्रति कैंडी से अध्कि की वृद्धि की है। इसके अलावा, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण कपास की फसल क्षतिग्रस्त हो गयी, जिससे गुणवत्ता और नयी फसल की आवक प्रभावित होगी। इसके अलावा, मिल मालिकों के पास सीमित स्टॉक बचा है। हाल ही में, सीएआई ने 2020-21 में कपास के अपने अंतिम अनुमान को 1.50 लाख गांठ घटाकर 353 लाख गांठ कर दिया है, जबकि पिछले अनुमान 354.50 लाख गांठ था।
अच्छी निर्यात माँग और कम उत्पादन अनुमान से ग्वारसीड वायदा (नवंबर) की कीमतें 8 वर्षो के बाद 7,000 रुपये के स्तर को पार कर गयी है। कीमतों के 6,950 रुपये पर सहारा के साथ 7,300 रुपये तक कारोबार करने की संभावना है। वर्तमान में, कम स्टॉक और लगातार निर्यात माँग के कारण कीमतें वर्ष-दर-वर्ष 60% अधिक हैं। चालू सीजन में राजस्थान में ग्वारगम का रकबा पिछले साल की तुलना में लगभग 2-3 लाख हेक्टेयर कम होकर 21 लाख हेक्टेयर रह गया है, जो एक दशक में सबसे कम रकबा है।
अरंडी वायदा (नवंबर) की कीमतों को 6,990 रुपये के स्तर पर रुकावट का सामना करना पड़ रहा है। अब कीमतें 6,500-6,700 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है। अरंडी तेल और अरंडीमील की लगातार निर्यात माँग के कारण इस सीजन में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। वित्त वर्ष 2021-22 के पहले 6 महीनों के लिए अरंडीमील का निर्यात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 16% अधिक हुआ है, जबकि जुलाई-अगस्त 2021 में अरंडी का तेल निर्यात पिछले वर्ष की तुलना में कम रहा है। गुजरात में रकबा अच्छा होने से आने वाले सीजन में अधिक उत्पादन की उम्मीद है। (शेयर मंथन, 01 नवंबर 2021)
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