कॉटन वायदा (दिसंबर) की कीमतों के 21,650-22,880 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
अधिक कीमतों पर खरीदारों द्वारा बड़ी खरीदारी नही किये जाने के कारण दक्षिण और मध्य भारत के बाजारों में कपास की कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। अनुमान से कम आपूर्ति के बावजूद कपास की मांग में बढ़ोतरी नहीं हो रही है। धागे की माँग भी कम होने से भी धागा मिलों की ओर से खरीदारी कम हो गयी है।
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,335-4,390 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतों के 8,600-8,860 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। ग्वारगम की निर्यात माँग कम है। कच्चे तेल की कीमतो में तेज गिरावट के बाद पेराई मिलों की ओर से ग्वारसीड की खरीदारी कम हो सकती है।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,570-4,630 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। नाफेड द्वारा मौजूदा कीमतों पर स्टॉक बेचने से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2018)
ग्वारसीड वायदा (जनवरी) की कीमतों के 4,335-4,390 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार करने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जनवरी) की कीमतों के 8,600-8,860 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। ग्वारगम की निर्यात माँग कम है। कच्चे तेल की कीमतो में तेज गिरावट के बाद पेराई मिलों की ओर से ग्वारसीड की खरीदारी कम हो सकती है।
चना वायदा (जनवरी) की कीमतों में नरमी का रुझान रहने की संभावना है और कीमतें 4,570-4,630 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। चना दाल और बेसन की कम बिक्री के बाद मिलों की ओर से चना की कम खरीदारी के कारण कल देश के प्रमुख हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में गिरावट हुई है। नाफेड द्वारा मौजूदा कीमतों पर स्टॉक बेचने से कीमतों पर दबाव पड़ रहा है। (शेयर मंथन, 07 दिसंबर 2018)
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