हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के दो साल के उच्च स्तर 7,990 रुपये पर पहुँचने के बाद हुई मुनाफा वसूली और नयी आवक के दबाव के कारण लगभग 9% की गिरावट दर्ज की गयी है। नयी फसल की आवक निजामाबाद से हो रही है और मार्च तक जारी रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 7,500 रुपये के स्तर पर रुकावट रहने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
हल्दी वायदा (जुलाई) की कीमतों को 7,400 रुपये के स्तर पर अड़चन रहने की संभावना है और शॉर्ट कवरिंग पर रोक लगी रह सकती है क्योंकि स्थानीय उपभोक्ता केंद्रों और विदेशी बाजार की माँग में कमी आयी है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में 5,860 रुपये के पास बाधा के साथ 5,730-5,650 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों में 5,825 रुपये के स्तर पर बाधा के साथ 5,720 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है।
हल्दी वायदा (जून) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद 7,750 रुपये के पास रुकावट के साथ 7,600-7,550 रुपये तक गिरावट देखी जा सकती है।
उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली के कारण हल्दी वायदा (अक्टूबर) की कीमतें कल 1% की गिरावट के साथ बंद हुई। अब कीमतों के 7,460 रुपये के रुकावट स्तर को पार करती है तो 7,600 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,200 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 7,400-7,450 रुपये के स्तर पर पहुँचने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 7,200-7,450 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों के सीमित गिरावट के साथ 5,650-5,730 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है क्योंकि बड़े कैरीओवर स्टॉक और स्थिर आपूर्ति के बावजूद माँग बरकरार है।
हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों के 6,735-6,845 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतों को 5,750 रुपये के पास सहारा और 5,900 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है।
हाजिर बाजारों में नरमी के रुझान पर हल्दी वायदा (अप्रैल) की कीमतों को 6,780 रुपये के स्तर पर बाधा रहने की संभावना है।
हल्दी वायदा (सितम्बर) की कीमतों के 5,750-6,050 रुपये के दायरे में मजबूत होने की संभावना है और कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है।
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यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।
शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!