हल्दी वायदा (नवंबर) की कीमतों के 6,735-6,845 रुपये के दायरे में सीमित दायरे में कारोबार रहने की संभावना है।
इरोद के बाजारों में बेहतर माँग और अच्छी क्वालिटी की आवक के कारण हाजिर कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में फिंगर वेरायटी की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में रूट वेरायटी की कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इरोद टर्मरिक मर्चेन्ट्स एसोसिएशन सेल्स यार्ड में 250 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है।
आगामी दिनों में जीरा वायदा (नवबंर) की कीमतों में नरमी बरकरार रहने की संभावना है और कीमतों में 18,800-18,100 रुपये तक गिरावट हो सकती है। हाजिर बाजारों में खरीदारों के सक्रिय नही रहने से बिकवाली का दबाव बरकरार रह सकता है। इसके अतिरिक्त नयी फसल की बुआई अब शुरू होने वाली है, इसलिए कारोबारी काफी सतर्क हो गये हैं। इस सीजन में अधिक कीमतों की उम्मीद से किसान जीरे के उत्पादन क्षेत्रों में बढ़ोतरी कर सकते हैं। इस वर्ष राष्ट्रीय एक्सचेंजों में जीरे की कीमतें वर्ष के उच्चतम स्तर 21,042 रुपये पर पहुँच गयी थी, जो रिकॉर्ड स्तर 21,093 रुपये से थोड़ी ही नीचे रही।
इलायची वायदा (अक्टूबर) की कीमतों में 1,370-1,330 रुपये तक गिरावट हो सकती है। अधिक कीमतों पर कम होते ओपेन इंटरेस्ट से पता चलता है कि कारोबारी मौजूदा अधिक कीमतों पर खरीदारी को लेकर बहुत इच्छुक नहीं हैं।
इस बीच केरल में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से इलायची के फसल को लाभ होने की संभावना है। इडुक्की में दूसरे चरण की फसल कटाई लगभग पूरी हो गयी और तीसरे चरण की फसल कटाई अक्टूबर के मध्य में शुरू होगी। (शेयर मंथन , 04 अक्टूबर 2018)
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