शेयर मंथन में खोजें

हल्दी में सुस्ती और धनिया की कीमतों में गिरावट के संकेत - एसएमसी

हल्दी वायदा (नवम्बर) की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ सीमित दायरे में रहने की संभावना है और कीमतों को 5,750 रुपये के पास सहारा और 5,900 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकता है।

तेलंगाना राज्य कृषि विश्वविद्यालय के अनुसार, तेलंगाना में 2020-21 में हल्दी का रकबा 2019-20 के 55,000 हेक्टेयर की तुलना में कम होकर 41,000 हेक्टेयर रह गया है। उत्पादन क्षेत्रों में गिरावट का प्रमुख कारण कीमतों को कम होना रहा है जबकि किसानों को कपास और सोयाबीन की खेती में बेहतर आय होती दिखी। इसके साथ ही हाजिर बाजारों में माँग बिल्कुल नही है और इसलिए कीमतों में गिरावट हो रही हैं। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित शिकायत निवारण बैठक के दौरान इरोड के किसानों ने कहा है कि किसानों को प्रभावित करने वाली हल्दी की कमजोर कीमतों के कारण तमिलनाडु सरकार को हल्दी के निर्यात को बढ़ाने और उनकी आजीविका में सुधार करने के लिए कदम उठाने चाहिये।
मासिक चार्ट के अनुसार जीरा वायदा (नवम्बर) की कीमतों को 14,350 रुपये पर सहारा बना रह सकता है, जबकि कीमतों को 14,600 रुपये के पास प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले दिनों में, कारोबारियों की नजर बुवाई की प्रगति पर रहेगी जो गुजरात के एक छोटे क्षेत्र में शुरू हुई है। नवंबर के मध्य से बुवाई में तेजी आने की संभावना है। इस सीजन में गुजरात और राजस्थान में किसान पारिश्रमिक मूल्य के कारण अन्य रबी फसलों का विकल्प चुन सकते हैं। फिलहाल, कोई भी तेज बढ़त सीमित रह सकती है क्योंकि पुराने स्टॉक के कारण आवक तेजी से बढ़ रही है।
धनिया वायदा (नवम्बर) की कीमतों के 6,700-6,800 रुपये के दायरे में सीमित कारोबार करने की संभावना है।
धनिया की हाजिर कीमतें स्थिर है और राजस्थान की मंडियों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात की धनिया मंडियों में बहुत अधिक गतिविधियाँ नहीं हो रही हैं। अगस्त-सितंबर में दुबई और यूरोप से हुई माँग में अब गिरावट आयी है। कोटा और बारां मंडी में खरीदार अनुपस्थित हैं। किसान बाजार का रुझान समझने के लिए अपने स्टॉक को रोक कर रखे हुये हैं। (शेयर मंथन, 02 नवम्बर 2020)

Add comment

कंपनियों की सुर्खियाँ

निवेश मंथन पत्रिका

  • 10 शेयर 10 फंड : निवेश मंथन पत्रिका (अक्टूबर 2024)

    यह एक संयोग है कि पिछले वर्ष की दीपावली के समय भी भारतीय शेयर बाजार कुछ ठंडा पड़ा था और इस साल भी बाजार में दीपावली के समय लाली ही ज्यादा बिखरी है। लेकिन पिछली दीपावली के समय जो थोड़ी निराशा बाजार में दिख रही थी, उस समय जिन निवेशकों ने सूझ-बूझ से नया निवेश किया, उन्हें अगले 1 साल में बड़ा सुंदर लाभ हुआ।

  • आईपीओ की आँधी : निवेश मंथन पत्रिका (सितंबर 2024)

    शेयर बाजार ने हाल में नये रिकॉर्ड स्तरों की ऊँचाइयाँ हासिल की हैं। लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप सभी तरह के शेयर खूब चले हैं, दौड़े हैं, कुछ तो उड़े भी हैं!

देश मंथन के आलेख

विश्व के प्रमुख सूचकांक

निवेश मंथन : ग्राहक बनें

शेयर मंथन पर तलाश करें।

Subscribe to Share Manthan

It's so easy to subscribe our daily FREE Hindi e-Magazine on stock market "Share Manthan"