सोनम उदासी
सीनियर फंड मैनेजर, टाटा एएमसी
कारोबारी जगत और बैंकों की बैलेंस शीट में मजबूती दिख रही है, जिसके चलते आने वाले कई वर्षों तक विकास के अनुकूल रुख बने रहना चाहिए। यह देश के शेयर बाजार के लिए भी अच्छा संकेत होगा।
मेरे हिसाब से जून 2023 तक निफ्टी 20,000 और सेंसेक्स 66,000 के आस-पास होना चाहिए। अगले 12 महीने यानी दिसंबर 2023 तक निफ्टी का लक्ष्य 21,000 और सेंसेक्स का लक्ष्य 68,000 का होना चाहिए।
अगले छह महीनों में भारतीय बाजार को प्रभावित करने वाले अहम कारकों कंपनियों के तिमाही नतीजे सबसे प्रमुख होंगे। मेरे अनुमान से वित्त-वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय (अर्निंग) में 10-20% के बीच बढ़ोतरी होगी।
भारतीय बाजार के लिए सबसे सकारात्मक असर बैंकों और व्यापार जगत की मजबूत बैलेंस शीट से होगा। दूसरी ओर कच्चे तेल के दाम बाजार और देश की अर्थव्यवस्था के लिए चिंता बढ़ाने का काम करेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) इस साल ब्याज दरों में 50 आधार अंक (बीएसपी) का इजाफा करेगा, मगर संभावना है कि इस साल के अंत तक यह ब्याज दरों में वृद्धि के कदम को वापस लेना शुरू करेगा। आरबीआई का मुख्य ध्यान विकास पर है, जो बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है।
अगले 12 महीनों में मेरे हिसाब से खपत (कंजंप्शन) आधारित क्षेत्रों का प्रदर्शन बाजार से बेहतर होगा। दूसरी ओर इस साल सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) का प्रदर्शन बाजार से कमजोर रहने के आसार हैं। (शेयर मंथन, 26 जनवरी 2023)