भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पर्याप्त पूँजी के अभाव में महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
आरबीआई ने एक बयान जारी कर बताया कि बैंक के परिशोधन (लिक्विडेशन) की प्रक्रिया के तहत इसका प्रत्येक जमाकर्ता पाँच लाख रुपये तक की बीमा राशि के लिए दावा कर सकता है। रिजर्व बैंक के मुताबिक लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक की मौजूदा वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वह अपने जमाकर्ताओं का पूर्ण बकाया लौटा सके। बैंक को सामान्य कामकाज जारी रखने की अनुमति देने पर सार्वजनिक हित बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं।
केंद्रीय बैंक का यह आदेश 22 सितंबर के कारोबारी दिन के समापन के साथ प्रभावी होगा। इसके साथ ही लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक अब बैंकिंग कामकाज नहीं कर सकेगा। आरबीआई ने एक बयान में बताया कि लक्ष्मी को-ऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूँजी न होने के कारण उसका लाइसेंस रद्द किया जा रहा है। इन स्थितियों में बैंक की निरंतरता और कमाई की संभावनाएँ जमाकर्ताओं के हित में नहीं हैं।
रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र के कोऑपरेशन ऐंड रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज के कमिश्नर को यह बैंक बंद करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने और परिसमापक (लिक्विडेटर) नियुक्त करने का निर्देश देने के लिए कहा है। लिक्विडेशन प्रक्रिया पूरी होने पर बैंक का प्रत्येक जमाकर्ता पाँच लाख रुपये तक की बीमा राशि पाने का दावा कर सकता है। (शेयर मंथन, 22 सितंबर 2022)
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