इन्वेस्को कॉइनशेयर्स ग्लोबल ब्लॉकचेन ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स का 24 नवंबर से खुलने वाला एनएफओ टाल दिया गया है। यह फंड ऑफ फंड्स दरअसल इन्वेस्को कॉइनशेयर्स ग्लोबल ब्लॉकचेन यूसीआईटीएस ईटीएफ में निवेश करेगा, जो आयरलैंड से चल रहा ईटीएफ है।
अभी इन्वेस्को म्यूचुअल फंड (Invesco Mutual Fund) ने अपने इस फंड ऑफ फंड्स का लॉन्च क्यों टाला है और इसे भविष्य में कब लाने की योजना है, इस बारे में प्रस्तुत है इन्वेस्को म्यूचुअल फंड के सीईओ सौरभ नानावती से निवेश मंथन की बातचीत।
इस ब्लॉकचेन फंड को किस वजह से रोकना पड़ा है अभी?
सरकार के स्तर पर पिछले शनिवार से काफी कदम उठाये गये हैं। प्रधानमंत्री ने भी एक बैठक की अध्यक्षता की है। हमें इस फंड के लिए सेबी से अनुमति अक्टूबर 2021 में मिली थी और वह अनुमति अभी भी वैध है। उसके अनुसार हम इस फंड को किसी भी समय लॉन्च कर सकते हैं। संभवतः हम अगले कुछ हफ्तों में इसे लॉन्च करेंगे।
अभी संसद में इस बारे में एक विधेयक पेश होने वाला है और उससे एक दिशा मिलेगी। उसके बाद यह फंड लाना बेहतर और आसान होगा। निवेशक भी उसे ध्यान में रख कर इसमें निवेश कर सकेंगे। हमने देखा कि मीडिया में हर किसी ने इस फंड को क्रिप्टो फंड कहना शुरू कर दिया था। पर यह क्रिप्टो फंड नहीं है क्योंकि इसमें क्रिप्टोकरेंसी नहीं खरीदी जा रही है। इसके पोर्टफोलिओ में 70% हिस्सा पारंपरिक आईटी कंपनियों का है, जो ब्लॉकचेन में सक्रिय हैं। पर अभी यह बहुत गर्म विषय बन गया। लोगों ने इसे क्रिप्टो फंड समझ कर मान लिया कि इससे क्रिप्टो में निवेश का रास्ता मिल रहा है। पर ऐसा नहीं है।
वास्तव में इस फंड की निवेश रणनीति क्या है और इसमें किस तरह के पोर्टफोलिओ में निवेश करने की योजना है?
इस फंड में करीब 50 शेयर हैं। इसमें इंटेल, आईबीएम जैसी कंपनियाँ हैं, जो ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती हैं। इसमें ताइवान सेमीकंडक्टर है, जो विश्व की सबसे बड़ी चिप निर्माता कंपनी है और वह ब्लॉकचेन समाधान (सॉल्यूशन) की आपूर्ति करती है। इसमें वालमॉर्ट जैसी कंपनी है, जिसमें अपनी पूरी व्यवस्था में ब्लॉकचेन को लागू किया है, जिससे वे यह जानते हैं कि किस किसान का कौन-सा उत्पादन है। इसके चलते अगर किसी उत्पाद में कुछ संक्रमण मिलता है तो पूरा लॉट फेंकने के बदले केवल उसी एक का लॉट फेंकना है।
इस तरह से पारंपरिक कंपनियों का हिस्सा पोर्टफोलिओ का लगभग 70% है। उसके बाद 30% में ऐसी कंपनियाँ हैं, जो क्रिप्टोकरेंसी से अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित हैं। जैसे कोई क्रिप्टो एक्सचेंज है, कोई बिटकॉइन माइनर, क्रिप्टो माइनर है। ये सब दुनिया की सूचीबद्ध (लिस्टेड) और नियमन के अधीन (रेगुलेटेड) कंपनियाँ हैं।
मतलब सीधे किसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले फंड में आपके इस फंड का पैसा नहीं लगेगा।
बिल्कुल नहीं, शून्य। यह बहुत स्पष्ट है। नियामक (रेगुलेटर) भी बहुत स्पष्ट था कि आप ऐसी किसी जगह निवेश नहीं कर रहे हैं जहाँ अंतर्निहित (अंडरलाइंग) निवेश सीधे क्रिप्टोकरेंसी में हो। इसका निवेश मूलभूत रूप से उस परितंत्र (इकोसिस्टम) में है, जो ब्लॉकचेन इस्तेमाल करता है। हमारा यह फंड ऑफ फंड ऐसे फंड में पैसा लगा रहा है, जो विश्व की केवल सूचीबद्ध (लिस्टेड) इक्विटी में निवेश करता है।
उदाहरण के लिए एक कंपनी है, जो क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज का काम करती है। इसकी बाजार पूँजी (मार्केट कैप) 90 अरब डॉलर की है, यह 2 अरब डॉलर का मुनाफा कमाती है। यह अमेरिका में सूचीबद्ध कंपनी है, नियमन के अधीन है। बाजार के ऊपर जाये या नीचे जाये, पर स्टॉक एक्सचेंज में पैसा बनेगा लेन-देन (ट्रांजैक्शन) पर।
अभी आपने इस फंड का लॉन्च कब तक के लिए स्थगित किया है?
अभी कहा जा रहा है कि संसद के शीत-सत्र में विधेयक लाया जायेगा। अक्टूबर में तो यह अंदाजा नहीं था कि क्रिप्टो इतना गर्म हो जायेगा! सब लोग इतने विज्ञापन करने लगेंगे इसके लिए कि उसकी सुर्खियाँ बनने लगेंगी। निवेशकों को लंबी अवधि के लिए आना चाहिए। अगर आप माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस या एक्सेल को साल 2000 में देखते और अब देखें तो यह आपकी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। इसी तरह ब्लॉकचेन भी 10 साल बाद आपकी जिंदगी का हिस्सा बन जायेगा। आज आपका कोविन ऐप भी ब्लॉकचेन तकनीक पर बना है। संपत्तियों के दस्तावेज (प्रॉपर्टी रिकॉर्ड) भी ब्लॉकचेन पर जा रहे हैं। शक्तिकांत दास ने भी कहा कि ब्लॉकचेन अलग है और क्रिप्टो अलग है।
लेकिन निवेशक अगर गलत पढ़-समझ कर आयेगा और उसकी आशा यह होगी कि इस फंड में क्रिप्टो की तरह रोज 10% ऊपर-नीचे होगा तो उस तरह के निवेशक नहीं चाहिए हमें। अभी हम थोड़ा समय लेंगे। इस बारे में विधेयक सामने आ जाये तो उसे देखने के बाद हम अपना यह फंड शुरू करेंगे। फंड के लिए अनुमति हमारे पास है। सेबी ने इसकी अनुमति वापस नहीं ली है या हमें इसे शुरू करने से रोका नहीं है। यह केवल सही समय की बात है।
हम केवल निवेशकों के प्रति समझदारी रखने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे निवेशक इस फंड में गलत कारणों से निवेश न करें। निवेशकों को इस तरह के फंडों में 10 साल की अवधि का सोच कर पैसा लगाना चाहिए। ये ऐसी रणनीतियों पर आधारित फंड हैं, जिनका असर होने में समय लगेगा।
लेकिन अगर लोग यह सोचने लगें कि यह क्रिप्टो फंड है, तो यह गलत होगा। यह विधेयक भी एक बार आ जाये तो निवेशक के सामने इसकी अवधारणाएँ बिल्कुल स्पष्ट हो जायेंगी। बाद में ऐसा न हो कि नियमों में कुछ टैक्स वगैरह की बात आ जाये या कुछ और होगा। अभी हम इसे लॉन्च करते और कोई निवेशक इसे क्रिप्टो फंड समझ कर पैसा डालता तो यह गलत बात होती। इसलिए हम थोड़ी प्रतीक्षा करके समझदारी के साथ आगे बढ़ेंगे। (शेयर मंथन, 17 नवंबर 2021)