सितंबर महीने में शेयर बाजार में कमजोरी रहने के बावजूद म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा नहीं डगमगाया है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने सितंबर 2022 के लिए म्यूचुअल फंड उद्योग के जो आँकड़े जारी किये हैं, उनमें यह बात झलकती है।
इन आँकड़ों के मुताबिक सितंबर में इक्विटी म्यूचुअल फंडों का शुद्ध निवेश प्रवाह (net inflow) 14,077 करोड़ रुपये रहा है, जबकि अगस्त में शुद्ध निवेश 5,942.2 करोड़ रुपये था। यानी इक्विटी फंडों में निवेश प्रवाह पिछले महीने की तुलना में 130% उछला है। इसके साथ ही इक्विटी फंडों में होने वाले निवेश प्रवाह में कमी आने का सिलसिला पलटा है। अगस्त में इक्विटी फंडों में निवेश प्रवाह 31% कम हुआ था, और जुलाई में 42% कमी आयी थी।
एसआईपी (SIP) का योगदान बढ़ा
सितंबर में एसआईपी (SIP) का योगदान 12,976.34 करोड़ रुपये रहा है, जो कि अगस्त में 12,693.45 करोड़ रुपये था। यह अब तक का सबसे ज्यादा एसआईपी योगदान है। एसआईपी खातों की संख्या में भी रिकॉर्डतोड़ तेजी दर्ज हुई है। एसआईपी खाते 30 सितंबर, 2022 तक बढ़ कर 5,83,77,684 हो गये, जबकि 30 अगस्त, 2022 तक यह संख्या 5.71 करोड़ थी। हालाँकि एसआईपी एयूएम अगस्त 2022 के 6,39,787.15 करोड़ रुपये से घट कर 6,35,285.66 करोड़ रुपये रह गया। इसमें महीने-दर-महीने 4,501.49 करोड़ रुपये की कमी आयी।
सितंबर के आँकड़ों पर एम्फी के मुख्य कार्यकारी एन. एस. वेंकटेश ने कहा कि 'एसआईपी संख्याएँ एक महीने में 12,976.34 करोड़ रुपये के अब तक के उच्चतम योगदान के साथ काफी अच्छी दिखती हैं। हमें उम्मीद है कि हम आने वाले महीनों में 13,000 करोड़ रुपये प्रति माह के योगदान का आँकड़ा छू लेंगे।'
वेंकटेश ने आगे कहा कि 'पिछले कुछ महीनों में बाजारों ने मुद्रास्फीति वाले कारकों और दरों में बढ़ोतरी जैसी घटनाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हालाँकि छोटे निवेशकों ने म्यूचुअल फंड निवेश में लगातार विश्वास दिखाया है। वे एसआईपी को लंबी अवधि में धन संचय और धन सृजन के रूप में देखते हैं। निवेशकों को अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और म्यूचुअल फंड में निवेश जारी रखना चाहिए और मौका गँवाना नहीं चाहिए।'
निवेशकों ने सुनियोजित निवेश योजनाओं या सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के माध्यम से निवेश को पसंद किया है और एसआईपी का तरीका छोटे व्यक्तिगत निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड योजनाओं, विशेष रूप से इक्विटी योजनाओं में धन आवंटित करने के साधन के रूप में लोकप्रिय हो रहा है।
म्यूचुअल फंड फोलियो की कुल संख्या ने भी पिछले महीने अब तक के उच्चतम स्तर को पार कर लिया है। यह छोटे निवेशकों द्वारा स्वस्थ और अनुशासित निवेश को दर्शाता है। म्यूचुअल फंड फोलियो की संख्या सितंबर के अंत में 13,80,87,328 करोड़ पर पहुँच गयी है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है। इसमें रिटेल म्यूचुअल फोलियो की संख्या भी 10,99,66,677 रही है, जो इस श्रेणी में अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है। म्यूचुअल फंड उद्योग ने सितंबर में 21 न्यू फंड ऑफर पेश किये और इनके माध्यम से 8,374 करोड़ रुपये जुटाये।
एयूएम में आयी गिरावट
सितंबर 2022 के अंत में म्यूचुअल फंड उद्योग का शुद्ध एयूएम 38,42,350.73 लाख करोड़ रुपये और औसत एयूएम 39,87,990.26 लाख करोड़ रुपये रहा है। औसत एयूएम पिछले साल सितंबर के अंत में 36.73 करोड़ रुपये और अगस्त 2022 के अंत में 39.33 लाख करोड़ रुपये था। सितंबर 2022 में खुदरा एयूएम (इक्विटी+हाइब्रिड+समाधान उन्मुख योजनाएँ) 19,76,571.47 लाख करोड़ रुपये पर रहा और इनका औसत एयूएम 20,24,355.56 लाख करोड़ रुपये था।
बॉन्ड, स्टॉक और सोने के मिश्रण में निवेश करने वाले हाइब्रिड फंडों में से अगस्त महीने में 6,601 करोड़ रुपये का निवेश बाहर निकला था, जिसकी तुलना में सितंबर में 2,687 करोड़ रुपये की निकासी (आउटफ्लो) हुई है। सितंबर महीने में लिक्विड फंड से निकासी 59,970 करोड़ रुपये की रही। वहीं ईटीएफ में निवेश प्रवाह 10,808 करोड़ रुपये का रहा और क्रेडिट रिस्क श्रेणी में से 492 करोड़ रुपये की निकासी हुई। कॉर्पोरेट बॉन्ड फंडों से निकासी 2,926 करोड़ रुपये की रही। सितंबर में सभी ऋण योजनाओं (डेट फंड) से कुल मिला कर 65,372 करोड़ रुपये का निवेश बाहर निकला। अगस्त में इनसे 49,164 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी। (शेयर मंथन, 10 अक्टूबर 2022)