जनवरी 2019 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (Index Of Industrial Production) या आईआईपी (IIP) बढ़ने की दर 1.7% दर्ज की गयी है।
विनिर्माण क्षेत्र, खास कर पूँजीगत और उपभोक्ता वस्तु, के नरम प्रदर्शन के कारण औद्योगिक उत्पादन को झटका लगा है। इससे पहले दिसंबर 2018 में आआईपी 2.4% और जनवरी 2018 में 7.5% रही थी। वहीं अक्टूबर 2018 में 8.4% थी, जो नवंबर में अचानक गिर कर केवल 0.47% रह गयी थी, जो इसके उस समय पिछले 17 महीनों का सबसे निचला स्तर था।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किये गये आँकड़ों के मुताबिक जनवरी में विनिर्माण क्षेत्र में 1.3% की वृद्धि दर्ज की गयी, जो पिछले साल की समान अवधि में 8.7% रही थी। वहीं विद्युत उत्पादन ग्रोथ 0.8% और खनन क्षेत्र ग्रोथ 3.9% रही।
इसके अलावा साल दर साल आधार पर उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु उत्पादन में 7.6% से लुढ़क कर 1.8% और पूँजीगत वस्तु उत्पादन में 12.4% के मुकाबले 3.2% की तेजी रही। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ क्षेत्र का उत्पादन जनवरी में 3.8% बढ़ा, जबकि दिसंबर में यह 5.3% और जनवरी 2018 में 10.5% बढ़ा था।
इस बीच जानकारों का अनुमान है कि 04 अप्रैल को होने जा रही आरबीआई (RBI) की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में कमजोर आईआईपी आँकड़ों के कारण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ सकती है। (शेयर मंथन, 13 मार्च 2019)