खबरों के मुताबिक आईपीओ (IPO) के माध्यम से जुटाये गये धन के दुरुपयोग के संबंध में कॉर्पोरेट मामलों का मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) या एमसीए 22 सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ जाँच कर रहा है।
साथ ही एमसीए आईपीओ की निगरानी के लिए अपनी व्यवस्था का पुनरीक्षण भी कर रहा है। एमसीए के निशान पर खास तौर से वे कंपनियाँ हैं, जो बैंक ऋण चुकाने में असमर्थ रही हैं और जिनके शेयरों में तेजी से गिरावट आयी है। कथित तौर पर इन कंपनियों ने आईपीओ के जरिये जुटाये गये धन का इस्तेमाल उन कार्यों के लिए नहीं किया, जो इनके रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस ड्राफ्ट में उल्लेखित थे।
एमसीए ने क्षेत्रीय निदेशकों को 2010 से 2017 के बीच आईपीओ लाने वाली इन कंपनियों के खातों की बारीकी से जाँच करने का निर्देश दिया है। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) मुम्बई ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए इन कंपनियों को विस्तृत प्रश्न भेजे हैं। बता दें कि कंपनी अधिनियम, 2013, धारा 439 के अनुसार आईपीओ फंड का दुरुपयोग करने पर सूचीबद्ध कंपनियों के खिलाफ एमसीए या आरओसी कार्यवाई कर सकते हैं। (शेयर मंथन, 25 जून 2018)