खाद्य पदार्थों और ईंधन की कीमतें बढ़ने के कारण मार्च में खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) में लगातार दूसरे महीने बढ़त दर्ज की गयी।
फरवरी में 2.57% के मुकाबले मार्च में खुदरा महँगाई दर बढ़ कर 2.86% हो गयी। इससे पहले जनवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महँगाई दर 1.97% रही थी, जो पिछले 19 महीने का निचला स्तर था। जनवरी तक खुदरा महँगाई दर में लगातार चार महीनों में गिरावट आयी थी।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा महँगाई पर नजर रखता है, जिसका मतलब है कि आरबीआई की नीति दरों के लिहाज से खुदरा महँगाई दर का आँकड़ा महत्वपूर्ण है। इस समय यह आरबीआई की 2% की सहनीय सीमा से ऊपर है।
फरवरी में (-)0.66% के मुकाबले खाद्य महँगाई दर मार्च में बढ़ कर 0.3% हो गयी। वहीं ईंधन और विद्युत की कीमतों में भी वृद्धि दर्ज की गयी, जो 1.24% के मुकाबले 2.42% रही।
इसके अलावा आवासीय महँगाई दर 5.1% की तुलना में 4.93% और घरेलू वस्तुओं और सेवाओं पर महँगाई 6.29% से घट कर 6.05 रह गयी। कपड़ों और जूतों पर भी महँगाई दर 2.73% से घट कर 2.59% रह गयी। (शेयर मंथन, 13 अप्रैल 2019)