खाद्य पदार्थों, खास कर सब्जियों, दाल और अनाज, की कीमतें बढ़ने के कारण मई में खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) सात महीनों के शिखर पर पहुँच गयी है।
अप्रैल में 2.92% के मुकाबले मई में खुदरा महँगाई दर बढ़ कर 3.05% हो गयी। इससे पहले फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महँगाई दर 2.57% और जनवरी में 1.97% रही थी, जो पिछले 19 महीने का निचला स्तर था। जनवरी तक खुदरा महँगाई दर में लगातार चार महीनों में गिरावट आयी थी।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा महँगाई पर नजर रखता है, जिसका मतलब है कि आरबीआई की नीति दरों के लिहाज से खुदरा महँगाई दर का आँकड़ा महत्वपूर्ण है। इस समय यह आरबीआई की 2% की सहनीय सीमा से काफी ऊपर है।
अप्रैल में 1.1% के मुकाबले खाद्य महँगाई दर मई में बढ़ कर 1.83% हो गयी। हालाँकि ईंधन और बिजली की कीमतों में महँगाई दर में गिरावट दर्ज की गयी, जो 2.56% के मुकाबले 2.48% रह गयी।
इसके अलावा आवासीय महँगाई दर 4.76% की तुलना में 4.82% और कपड़े तथा फुटवियर पर महँगाई 2,01% से घट कर 1.80% रह गयी। सब्जियों पर महँगाई दर 2.87% से बढ़ कर 5.46% और दालों पर 0.89% के मुकाबले 2.13% हो गयी। (शेयर मंथन, 13 जून 2019)