खुदरा महँगाई दर (Retail Inflation Rate) अगस्त के मुकाबले सितंबर में वृद्धि के साथ 3.99% पर पहुँच गयी।
यह अक्टूबर 2018 के बाद से खुदरा महँगाई दर का सबसे ऊँचा स्तर है। अगस्त में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महँगाई दर 3.21% रही थी।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा महँगाई पर नजर रखता है, जिसका मतलब है कि आरबीआई की नीति दरों के लिहाज से खुदरा महँगाई दर का आँकड़ा महत्वपूर्ण है। लक्ष्य स्तर के अंदर होने के बावजूद इस समय यह आरबीआई की 2% की सहनीय सीमा से काफी ऊपर है। आरबीआई का खुदरा महँगाई दर का लक्ष्य स्तर 4% है। यानी सितंबर में यह आरबीआई के लक्ष्य स्तर के करीब पहुँच गयी है।
बता दें कि आँकड़ों के अनुसार मांस तथा मछली, सब्जियों और दालों के दाम बढ़ने से सितंबर में खुदरा महँगाई दर में इजाफा हुआ है। जानकारों का मानना है कि खाद्य मुद्रास्फीति मार्च 2020 तक बढ़ती रहेगी।
हालाँकि सितंबर में मूल (गैर-खाद्य, गैर-ऊर्जा) मुद्रास्फीति 4.02% पर आ गयी, जो अगस्त में 4.25% रही थी। यह मूल मुद्रास्फीति का पिछले 26 महीनों का सबसे निचला स्तर है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी किये आँकड़ों के अनुसार अगस्त में 2.99% के मुकाबले खाद्य महँगाई दर सितंबर में बढ़ कर 5.11% हो गयी। इनमें सब्जियों पर महँगाई दर 6.90% से बढ़ कर 15.4%, दालों एवं अन्य उत्पादों पर 6.94% से बढ़ कर 8.4% और अनाज तथा उत्पादों पर 1.3% के मुकाबले 1.66% हो गयी। (शेयर मंथन, 15 अक्टूबर 2019)