दिसंबर 2019 के महीने में थोक महँगाई दर (Wholesale Price Index or WPI) सात महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुँच गयी है।
नवंबर 2019 के 0.58% से बढ़ कर यह दिसंबर 2019 में 2.59% पर रही। हालाँकि दिसंबर 2018 के 3.46% की तुलना में यह काफी नीचे ही है। दिसंबर 2019 में खुदरा महँगाई (Consumer Price Index or CPI) और थोक महँगाई (डब्लूपीआई) दोनों के उछलने का मुख्य कारण खाद्य महँगाई यानी खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आयी जबरदस्त तेजी है।
डब्लूपीआई फूड इंडेक्स बढ़ने की दर नवंबर 2019 के 9.02% की तुलना में दिसंबर 2019 में 11.05% रही। प्याज की कीमतों में तो 455% की बेहिसाब उछाल आयी है। वहीं सब्जियों की कीमतों में दिसंबर में 69% की भारी बढ़ोतरी दर्ज हुई। गौरतलब है कि खाद्य वस्तुओं का भारांक डब्लूपीआई में 15% और सीपीआई में 45% से अधिक है। इसी कारण खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने का असर खुदरा महँगाई दर में ज्यादा दिखता है। कल ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) द्वारा पेश किये गये ताजा आँकड़ों के अनुसार खुदरा महँगाई दर दिसंबर में उछाल दर्ज करते हुए 7.35% पर पहुँच गयी। नवंबर 2019 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा महँगाई दर 5.54% रही थी। (शेयर मंथन, 14 जनवरी 2020)