वाणिज्य मंत्रालय ने सोमवार (14 नवंबर) को अक्टूबर के लिए थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति (WPI Inflation) के आँकड़े जारी किये। इस दौरान थोक महँगाई दर 19 महीनों में पहली बार 10% से नीचे 8.9% दर्ज की गयी। इससे पहले सितंबर में थोक महँगाई दर 10.7% थी, जबकि अक्टूबर 2021 में यह 13.83% थी। थोक महँगाई दर पिछले तकरीबन डेढ़ साल से 10% से ऊपर बनी हुई थी।
वाणिज्य मंत्रालय की विज्ञप्ति में बताया गया है कि थोक महँगाई दर में कमी मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातुएँ, मशीन और उपकरण छोड़ कर अन्य गढ़े हुए धातु उत्पाद, कपड़ा आदि की कीमतों में गिरावट की वजह से आयी है। प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति पिछले साल की समान अवधि में 7.38% थी जो अब बढ़कर 11.04% पर पहुँच गयी है। अक्टूबर माह में खाद्य उत्पादों की महँगाई दर सिंतबर में 11.03% से घट कर 8.33% पर आ गयी।
अक्टूबर के आँकड़ों के मुताबिक सब्जियों के दाम सितंबर महीने में 39.66% के मुकाबले गिर कर 17.61% पर आ गये। हालाँकि सितंबर के मुकाबले अनाज के दामों में इजाफा दर्ज किया गया है। सितंबर में अनाज की महँगाई दर जहाँ 11.91% थी, वहीं अक्टूबर में यह बढ़कर 12.03% पर आ गयी है।
ईंधन और ऊर्जा क्षेत्र की महँगाई दर में राहत देखने को मिली और यह सितंबर में 32.61% के मुकाबले अक्टूबर में 23.17% पर आ गयी। निर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति दर में भी राहत देखने को मिली। यह सितंबर में 6.34% से घट कर अक्टूबर में 4.42% पर आ गयी।
आज देर शाम अक्टूबर के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित (CPI) खुदरा महँगाई दर के आँकड़े भी जारी किये जाएँगे। सितंबर में खुदरा महँगाई दर 7.41 % थी। यह लगभग तीन तिमाहियों से केंद्रीय रिजर्व बैंक की सहनशीलता सीमा से लगातार ऊपर बनी हुई है।
(शेयर मंथन, 14 नवंबर 2022)