
भारत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है और इसी के तहत सरकार द्वारा कई योजनायें चलायी जा रही हैं। पिछले कुछ सालों में नौकरी से लेकर बिजनेस तक के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है। भारत में करीब 20 प्रतिशत व्यवसायों की मालिक महिलायें हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लोन लेने वाली महिलाओं की संख्या पिछले 5 साल में 22% दर से बढ़ी है। दिलचस्प बात ये है कि अधिकांश कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों से महिलायें आगे आयी हैं।
मुद्रा योजना
अभी सरकार द्वारा चलायी जा रही कई योजनायें महिलाओं को आर्थिक मदद देने में अहम भूमिका निभा रही है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत सरकार द्वारा उद्यमियों को 10 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। इस लोन के लिए किसी तरह की जमानत या सुरक्षा की जरूरत नहीं पड़ती है।
स्त्री शक्ति योजना
स्त्री शक्ति योजना के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने और व्यवसाय शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साल 2000 में केंद्र द्वारा शुरू की गयी इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को 2 लाख रुपये से अधिक के लोन पर 0.05% की छूट भी दी जाती है।
उद्योगिनी योजना
महिलाओं को कारोबार बढ़ाने और वित्तीय मदद के लिए सरकार ने इस योजना को शुरू किया है। महिला उद्यमियों को अन्य लोन देने वाली संस्थाओं की तुलना में इस योजना के तहत कम ब्याज दर पर लोन मिलता है। इसके तहत, सरकार 40,000 रुपये से कम वार्षिक आय वाली महिला उद्यमियों को 1 लाख रुपये तक का लोन देती है।
अन्नपूर्णा योजना
यह योजना खाद्य और खानपान व्यवसाय में लगी महिलाओं के लिए काफी मददगार है। इसके अनुसार, महिलाओं को 50 हजार रुपये तक का लोन मिल सकता है। साथ ही इस लोन को 36 किस्तो में चुकाया जा सकता है। इस योजना के तहत लोन लेने के लिए गारंटर से मंजूरी की जरूरत पड़ती है।
स्टैंड अप इंडिया योजना
महिलाओं के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत की गयी है। इसे अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को बिजनेस के क्षेत्र में मदद और कृषि संबंधित गतिविधियों में ग्रीनफील्ड परियोजना उद्यम स्थापित करने के लिए बैंक से लोन लेने में सहायता के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत सरकार ग्रीनफील्ड परियोजना स्थापित करने के लिए प्रत्येक बैंक शाखा में कम से कम एक महिला, एससी और एसटी उद्यमी को 10 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये तक का लोन मुहैया कराती है। वहीं गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के लिए न्यूनतम 51% शेयरहोल्डिंग जरूरी है।
(शेयर मंथन, 05 मार्च 2025)
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