
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक के साथ भारती एयरटेल और रिलायंस जियो के करार के बाद वोडाफोन आइडिया ने भी इस विदेशी कंपनी के साथ साझेदारी के लिए अपने कदम बढ़ा दिये हैं। हालाँकि एयरटेल और जियो जहाँ करार कर चुकी हैं, वहीं वोडाफोन और स्टारलिंक का मामला भी बातचीत के स्तर पर है। वहीं एयरटेल और जियाे को अब सरकार की मंजूरी का इंतजार है।
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस देगा वोडाफोन आइडिया?
वोडाफोन आइडिया ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि उसने सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने वाली कंपनियों जैसे स्टारलिंक और वनवेब समेत दो-तीन दूसरी कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। दरअसल कंपनी चाहती है कि उन इलाकों में जहाँ टेलीकॉम टावर लगाना और ऑप्टिकल फाइबर बिछाना संभव न हो वहाँ पर भी लोगों को इंटरनेट और टेलीकॉम सेवायें आसानी से पहुँचायी जा सके। कंपनी के मुताबिक अब आगे का फैसला इसी रणनीति के हिसाब से ही लिया जायेगा। हाल ही में कंपनी ने मुंबई में अपनी 5जी सेवी की शुरुआत कर दी है।
टेलीकॉम बाजार में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा देने देने की होड़
सभी टेलीकॉम कंपनियाँ अपने ग्राहकों को सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवायें देना चाहती हैं और एयरटेल और जियो के बाद वोडाफोन आइडिया के इस रेस में कूदने के बाद आने वाले दिनों में देश का टेलीकॉम बाजार गर्म होने के कायस लगाये जा रहे हैं।
एयरटेल और जियो जहाँ दूर दराज और ग्रामीण इलाकों में पहुँचना चाहते हैं वहीं वोडाफोन आइडिया शायद अपनी साख बचाना चाहती है, क्योंकि न तो कंपनी को कोर्ट से राहत मिल रही है और न ही ग्राहक उसका साथ दे रहे हैं। विज्ञापनों में हर घंटे 100 टावर लगाने का दावा करने वाली वोडाफोन आइडिया के ग्राहक धीरे-धीरे एयरटेल और जियो की तरफ खिसक रहे हैं, जिससे कंपनी को नुकसान पर नुकसान हो रहा है। इसलिए कंपनी को सैटेलाइट इंटरनेट सेवा में एक मौका दिखायी दे रहा है जिससे वो अपनी साख भी बचा पायेगी और नये ग्राहकों को खींचने के साथ ही पुराने को बनाये रख पायेगी। लेकिन यहाँ एक बड़ी परेशानी ये है कि ऐसी सेवाओं को शुरू करना महँगा है।
(शेयर मंथन, 20 मार्च 2025)
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