खबरों के अनुसार केंद्र सरकार ने प्रमुख दूरसंचार सेवा प्रदाता भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और टाटा टेलीसर्विसेज (Tata Teleservices) या टीटीएल के विलय को रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) का रुख किया है।
इसके लिए सरकार ने एयरटेल पर स्पेक्ट्रम के 8,300 करोड़ रुपये का बकाया होने का हवाला दिया है। शीर्ष अदालत मामले में दूरसंचार विभाग की याचिका पर सोमवार 08 जुलाई को सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि एयरटेल-टीटीएल की विलय योजना सोमवार 01 जुलाई से प्रभाव में आ गयी है। इसके साथ ही टीटीएल की सभी संपत्तियाँ एयरटेल का हिस्सा बन गयी हैं।
यह योजना दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), दिल्ली और एनसीएलटी, मुम्बई को विलय योजना को मंजूरी देने और दूरसंचार विभाग (डीओटी) को योजना को रिकॉर्ड में दर्ज करने का निर्देश देने के बाद प्रभाव में आयी थी।
इससे पहले एयरटेल के शेयरधारकों ने योजना को हरी झंडी दिखा दी थी। भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज के मार्च 2019 तक एक होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इससे एयरटेल के उपभोक्ता आधार को मजबूती मिलेगी। (शेयर मंथन, 04 जुलाई 2019)
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