कपास उद्योग की ओर से लगातार माँग के कारण कपास वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 925-935 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती है।
धागा बाजार के अच्छे टर्न ओवर ने धागा मिलों को कपास का स्टॉक जमा करने के लिए खरीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है। महाराष्ट्र के हिंगनघाट क्षेत्र के कपास सर्वे से पता चलता है कि बहुत से किसनों की फसल की क्वालिटी गुलाबी कीटों और अक्टूबर में हुई बारिश के बाध अधिक नमी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इससे महाराष्ट्र में फसल की कटाई और सप्लाई भी प्रभावित हुई है। चना वायदा (दिसंबर) की कीमतों में 4,910 रुपये के नजदीक सपोर्ट के साथ 5,180 रुपये तक तेजी बरकरार रह सकती है। बाजार में इस बात की अटकलें है कि पीले मटर पर 50% भारी भरकम सीमा शुल्क लगाये जाने के बाद केन्द्र सरकार द्वारा चना और मसूर पर आयात शुल्क लगाये जाने की योजना है, जिससे अधिक खरीदारी हो रही है। इसके अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई कम हो सकती है, क्योंकि फसल वर्ष 2016-17 में कनाडा में सूखे मटर के बुआई क्षेत्र में कमी के आसार हैं। कनाडा के कृषि विभाग के अनुसार कुल बुआई क्षेत्र 1.72 मिलियन हेक्टेयर रहने का अनुमान है। गेहुँ वायदा (दिसम्बर) की कीमतों नरमी के रुझान के साथ 1690-1685 रुपये के स्तर पर लुढ़कने की संभावना है। सरकारी गोदामों में पर्याप्त कैरी ओवर स्टॉक है और ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि मार्च 2018 तक देश में 0.5-0.6 मिलियन टन गेहुँ का आयात किया जा सकता है। मौदूदा रबी सीजन में अभी तक गेहूँ की बुआई में 20% की तेजी गिरावट दर्ज की जा रही है। (शेयर मंथन, 27 नवंबर 2017)
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