कपास वायदा अप्रैल की कीमतों के नरमी के रुझान के साथ 985-1,005 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
सुस्त माँग के कारण मध्य और दक्षिण भारत के बाजारों में कपास की कीमतों में नरमी का रुझान है। विक्रेता अपना नुकसान कम करने के लिए मौजूदा कीमतों पर कपास की बिकवाली कर रहे हैं। इस बीच उत्तर भारत में नये कपास की रोजाना आपूर्ति बढ़ कर लगभग 11,000 बेल हो गयी जो 13 जनवरी की आवक की तुलना में 16% अधिक है। दक्षिण भारत के बाजारों में 1 अक्टूबर से अब तक कपास की कुल आपूर्ति 24.24 लाख बेल हुई है, जो 2016 की समान अवधि के 18.13 लाख बेल की तुलना में 34% अधिक है। चना वायदा (मार्च) कीमतों को 3,800 के स्तर पर सपोर्ट रहने की संभावना है। हाजिर बाजारों में स्टॉकिस्ट और मिलें निचले स्तर पर खरीदारी में सक्रिय
हैं। पिछले दो हफ्ते से देखा गया है कि नरमी के रूझान पर रोक लगी है और ओपेन इंटरेस्ट में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे कारोबारियों के बीच खरीदारी के लिए विश्वास बढ़ता जा रहा है। ग्वारसीड वायदा (फरवरी) की कीमतो के 4,330-4,300 रुपये के स्तर पर सपोर्ट रहने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (फरवरी) की कीमतें 9,400-9,600 रुपये के दायरे में साइडवेज कारोबार कर सकती हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की अधिक कीमतों और घरेलू बाजार में ग्वारगम के स्टॉक के कम होते जाने के कारण कीमतों को मदद मिल रही है। मौजूदा सीजन 2017-18 में ग्वारसीड की लगभग 15,08,167 टन आपूर्ति होने का अनुमान है, जिसमें पेराई के लिए 14,20,216 टन होने का अनुमान है और इस प्रकार केवल 87,951 टन ही शेष बच सकता है। (शेयर मंथन, 16 जनवरी 2018)
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