
वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण विदेशी निवेशक लगातार पैसा खींच रहे हैं और शेयर बाजार लगातार गोते खा रहा है। इससे निवेशक गिरावट के इस दौर में म्यूचुअल फंड्स में निवेश की रणनीति और पोर्टफोलियो पर बाजार की गिरावट का कम करने का रास्ता तलाशने कोशिश में लगे हुए हैं।
आईटी से बचें, बैंकिंग और एफएमसीजी में निवेश करें
जानकारों का मानना है कि अभी बाजार की धारणा कमजोर है और ये सब कुछ हो रहा है टैरिफ वॉर के कारण। अमेरिका के शुरू किये हुए इस वॉर में कई और देश कूद पड़े हैं। यूरोप तो यहाँ तक कह चुका है कि दुनिया के सभी देशों को अमेरिका के खिलाफ एक साथ आ जाना चाहिए और उसके साथ किसी भी तरीके का व्यापारिक संबंध नहीं रखना चाहिए। चीन भी अमेरिकी को तिरछी निगाहों से देख रहा है। यानी साफ है बाजार के मौजूदा हालात जल्द सुधरते हुए नहीं दिख रहे हैं।
ऐसे में अगर आपको एसआईपी करनी है तो कहाँ करें। जानकार बताते हैं कि बाजार की इस उथल-पुथल का सबसे ज्यादा शिकार आईटी और एक्सपोर्ट से जुड़े सेक्टर होंगे। इसलिए ऐसे फंड में निवेश न करें जिनका एक्सपोजर इन क्षेत्रों में हो। वहीं, बैंकिंग और एफएमसीजी सेक्टर में मजबूती दिख रही है। अगर इस समय निवेश की शुरुआत करनी भी है तो उन फंड्स को चुनें जिनका एक्सपोजर बैंकिंग और एफएमसीजी सेक्टर में ज्यादा हो। देश में बढ़ती माँग का फायदा इन सेक्टर को होगा जो आपको पोर्टफोलियो में भी दिखायी देगा।
फ्लेक्सी कैप भी अच्छा विकल्प
बाजार के मौजूदा हालात को देखते हुए जानकार फ्लेक्सी कैप फंड्स को भी निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प बता रहे हैं। इन फंड में बाजार कि गिरावट के दौर में भी अच्छा रिटर्न देने की क्षमता होती है। जानकारों के मुताबिक गिरावट के वक्त भी निवेश में बने रहने से निवेशकों को लंबी अवधि में फायदा ही होता है, क्योंकि गिरावट के वक्त निवेश करने से ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं, वहीं तेजी के वक्त निवेश करने से कम। साथ ही निवेश को कंपाउंडिंग का फायदा भी मिलता है।
और जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि फ्लेक्सी कैप फंड्स में इक्विटी के अलावा दूसरे कैटेगरी में भी निवेश होता है। इसलिए निवेशकों की रकम सिर्फ इक्विटी फंड्स के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित रहती है। सिर्फ इसलिए निवेश को नहीं रोकना चाहिए क्योंकि बाजार गिर रहा है, बल्कि ये वक्त हौसला दिखाने और निवेश को जारी रखने का होता है।
कोरोना जैसे बन रहे हालात?
बाजार के कुछ जानकारों का मानना है कि मौजूदा हालात एक बार फिर से कोरोना जैसे बन रहे हैं। उस समय भी लग रहा था कि मानो दुनिया खत्म होने वाली है। शेयर बाजार लगातार गोते खा रहा था। पूरी दुनिया के बाजारों में हाहाकार मचा हुआ था और अब भी स्थिति कुछ वैसी ही है। लेकिन लोगों ने देखा कि जिन लोगों ने गिरावट के उस दौर में भी हौसला दिखाया और बाजार में बने रहे, बाजार ने उसका तोहफा उन्हें दिया। बाजार ने रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए और निवेशकों का पोर्टफोलियो सोने की तरह जगमगाने लगा।
(शेयर मंथन, 09 अप्रैल 2025)
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