एमसीएक्स में कॉटन वायदा (अप्रैल) की कीमतों के 20,450 रुपये के स्तर पर सहारा के साथ 20,800 रुपये तक बढ़त दर्ज करने की संभावना है।
कपास की कम कीमतों के कारण निर्यातकों और धगा मिलों द्वारा खरीदारी के कारण गुजरात और महाराष्ट्र में कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। बाजार में प्रीमियम वेराइटी के कपास की आपूर्ति के कारण निर्यातकों और धागा मिलों द्वारा खरीदारी की जा रही है। चना वायदा (अप्रैल) कीमतों के 3,720 रुपये से ऊपर ही कारोबार करने की संभावना है। कम आवक के बीच मिलों द्वारा खरीदारी में बढ़ोतरी के कारण हाजिर बाजारों में चना की कीमतों में वृद्धि हुई है। किसान निजी कारोबारियों के बजाय सरकारी एजेंसियों का अपना उत्पाद बेचना चाहते हैं, क्योंकि हाजिर बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम हो गयी हैं। मुंबई और मुंद्रा बंदरगाहों पर ऑस्टेलियाई चने की कीमतें 75 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 3,775 रुपये और 3825 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। ग्वारसीड वायदा (अप्रैल) की कीमतों पर बिकवाली का दबाव रह सकता है और कीमतें 4,000 रुपये के स्तर पर पहुँच सकती हैं। वर्तमान समय में न तो पेराई मिलें और न स्टॉकिस्ट ही बाजारों में सक्रिय हैं, क्योंकि बाजार वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितम्बर) में लगभग 1.07 करोड़ बैग की उपलब्धता के कारण कीमतों में लगातार गिरावट हो रही है। भारतीय मौसम विभाग द्वारा अप्रैल महीने में आगामी मॉनसून सीजन (जून-सितम्बर) के बारे में अनुमान जारी किये जाने की संभावना है। बेहतर मॉनसून के अनुमान से कीमतों में तेज गिरावट हो सकती है और इसलिए खरीदार बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। शुरुआती अनुमानों के अनुसार प्रशान्त और हिंद महासागर में भारतीय मॉनसून की स्थितियां काफी अनुकूल है, जो इस वर्ष मॉनसून के सामान्य रहने की ओर संकेत करता है। (शेयर मंथन, 03 अप्रैल 2018)
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