चना (मई) वायदा की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 3,540-3,600 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है।
कारोबारियों और मिलों की ओर से निचले स्तर पर बेहतर खरीदारी के कारण देश के प्रमुख बेंचमार्क बाजारों में देशी चना की कीमतों में बढ़त दर्ज की गयी है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में देशी चना की कीमतें क्रमशः 75 और 100 रुपये बढ़ कर 3,800-3,825 रुपये प्रति 100 किलो ग्राम प्रति और 3,750 रुपये 100 किलो ग्राम हो गयी हैं। हाजिर बाजारों में चने की मौजूदा कीमतों पर चना की माँग काफी बेहतर हुई है।
एमसीएक्स में कॉटन वायदा (मई) की कीमतों के तेजी के रुझान के साथ 20,700-21,000 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। दक्षिण और मध्य भारत के बाजारों में कपास की कीमतों में मिला-जुला रुझान है। फिर भी बाजार में विक्रेता कम होने और खरीदारों के अधिक होने के कारण बाजारों में अधिकतर तेजी का रुझान है। निर्यातक और मिलें भविष्य की अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कपास की खरीदारी कर रहे हैं। विक्रेता प्रीमियम क्वालिटी के कपास की बिक्री कर रहे हैं।
ग्वार समूह में होने वाली शॉर्ट कवरिंग के कारण बढ़त पर रोक लग सकती है क्योंकि ग्वारसीड के लगभग 1.07 करोड़ बैग के भारी भरकम अंतिम स्टॉक के कारण ग्वार समूह की कीमतों पर दबाव बरकरार रहने की संभावना है। वर्तमान समय में ग्वारगम का निर्यात भी बहुत उत्साहजनक नही है। यदि ग्वारगम का निर्यात 50,000 टन प्रतिमाह से अधिक होता है। तभी ग्वारसीड के भंडार में कमी आ सकती है अन्यथा ग्वारसीड और ग्वारगम की कीमतों में किसी बड़ी वापसी की संभावना बहुत कम है। (शेयर मंथन, 03 मई 2018)
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