हल्दी वायदा (मई) की कीमतों को 7,100 रुपये के स्तर पर सहारा रह सकता है।
इससे हल्दी में किसी भी तेज गिरावट पर रोक लगी रह सकती है। इरोद बाजार में हल्दी की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि कारोबारियों ने घरेलू माँग को पूरा करने के लिए अच्छी क्वालिटी की हल्दी को अधिक कीमतों पर खरीदारी की है। हाइब्रिड हल्दी की आवक और बिक्री दोनों में बढ़ोतरी हुई है। रेगुलेटेड मार्केट कमिटी में स्थानीय नयी फिंगर वेराइटी की कीमतों में 350 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इरोद टर्मरिक मर्चेंट एसोसिशन में हाइब्रिड फिंगर वेराइटी की कीमतों में 125 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। इरोद टर्मरिक मर्चेंट एसोसिशन में फिंगर वेराइटी की कीमतें 5,809-8,829 रुपये प्रति क्विंटल और रूट वेराइटी की कीमतें 4,855-8,039 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बिक रही हैं।
जीरा वायदा (मई) कीमतों के 15,630-15,900 रुपये के दायरे में कारोबार करने की संभावना है। कारोबारियों को सावधनी से टेंड करना चाहिए और हाजिर बाजारों के रुख पर नजर रखना चाहिए क्योंकि राजस्थान के प्रमुख बाजारों में आवक जोर-शोर से शुरू हो गयी है। आगामी दिनों में आवक की रफ्तार बढ़ सकती है लेकिन विश्व बाजार में जीरे की कमी और जून तक भारत के एकमात्र निर्यातकर्ता होने के कारण कीमतों को मदद मिलती रह सकती है।
बेहतर आवक और कम माँग के कारण धनिया वायदा (मई) की कीमतों में 4,650 रुपये तक गिरावट जारी रह सकती हैं। स्टॉकिस्टों के पास पहले से ही कम कीमतों पर काफी अधिक स्टॉक है और अब भंडार गृहों के भरे होने के कारण वे अधिक स्टॉक जमा करने में असमर्थ हैं। (शेयर मंथन, 04 मई 2018)
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