सोयाबीन वायदा (जून) में उच्च स्तर पर मुनाफा वसूली और बिकवाली के दबाव को देखते हुए इसमें नरमी का रुझान रह सकता है।
आगामी दिनों में इसकी कीमतें 3,750-3,650 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। वर्तमान समय में सोयाबीन की माँग बहुत अधिक नही है। मॉनसून के सामान्य रहने के अनुमान के बाद खरीदारों के बीच अब नरमी का सेंटीमेंट है। सोयाबीन की बुआई जून में शुरू होगी और पिछले वर्ष की तुलना में अधिक क्षेत्र में होने की संभावना है। यूएसडीए के अनुसार 2018-19 में भारतीय किसानों द्वारा पिछले वर्ष के 10.60 मिलियन हेक्टेयर की तुलना में 11.5 मिलियन हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती किये जाने का अनुमान है। खाद्य तेलों की थोक माँग के अभाव के कारण खाद्य तेलों की कीमतों में नरमी का रुझान बना हुआ है, जिससे कारोबार कम हो गया है और स्टॉकिस्ट बाजार से दूरी बनाये हुए हैं। इस वजह से रिफाइंड सोया तेल वायदा (जून) की कीमतों को नरमी के रुझान के कारण 770 रुपये के नजदीक बाधा का सामना करना पड़ सकता है।
सीपीओ वायदा (मई) की कीमतें 647 रुपये से नीचे ही कारोबार कर सकती हैं। अमेरिका में बायोडीजल उत्पादकों की ओर से धीमी खरीदारी के कारण अमेरिकी सोया तेल के बढ़ते भंडार के कारण कारोबारियों के बीच नरमी का रुझान बढ़ रहा है। सरसों वायदा (जून) की कीमतें नरमी के रुझान के साथ 3,850-3,900 रुपये के दायरे में कारोबार कर सकती हैं। सरसों तेल और सरसों केक की सुस्त खरीदारी के कारण राजस्थान के बेंचमार्क जयपुर बाजार में सरसों की माँग काफी कम है। (शेयर मंथन, 07 मई 2018)
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