कॉटन वायदा (जुलाई) की कीमतों में अस्थिरता रह सकती है।
इसकी कीमतों के नरमी के रुझान के साथ एक दायरे में रहने की संभावना है, जबकि 22,800 रुपये के स्तर पर बाधा रह सकती है। विश्व में कपास के सबसे बड़े निर्यातक अमेरिका और सबसे बड़े आयातक चीन के बीच व्यापार युद्ध के तनाव के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव होते रहने की उम्मीद है। अमेरिका के सबसे बड़े कपास उत्पादक क्षेत्र टेक्सास में भारी बारिश के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास की कीमतों को झटके लग रहे हैं और आईसीई में कॉटन दिसम्बर कॉन्ट्रैक्ट की कीमतें 0.45% की गिरावट के साथ 84.92 सेंट के स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
ग्वारसीड वायदा (जुलाई) की कीमतें यदि 3,550 रुपये के सहारा स्तर से नीचे टूटती है तो इसमें 3,500 रुपये तक नरमी के रुझान के साथ कारोबार होने की संभावना है, जबकि ग्वारगम वायदा (जुलाई) की कीमतों में 7400-7300 रुपये तक गिरावट होने की संभावना है। कुल मिलाकर कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और देश भर में लगभग 70-80 लाख बैग के भारी-भरकम स्टॉक के तथ्य के कारण कीमतों की बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कैस्टरसीड वायदा (जुलाई) की कीमतों को 4,180 रुपये के स्तर पर बाधा के कारण बढ़त पर रोक लगी रह सकती है। कारोबारियों का मानना है कि घरेलू बाजार में कीमतें अधिक होने के कारण आगामी दिनों में निर्यात माँग में बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है। चीन की ओर से सुस्त मांग के कारण भारत से कम निर्यात हो रहा है। वर्तमान समय में कांडला बंदरगाह पर प्रफी ऑन बोर्ड कैस्टर तेल की कीमत 1,245 डॉलर प्रति टन है। (शेयर मंथन, 26 जून 2018)
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